रांची लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लडेंगे सैयद आलम


रांची: रांची लोकसभा से इस बार होने वाले चुनाव में जहां एक तरफ बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होने वाला है वही इस चुनाव में कुछ ऐसे नए चेहरे भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार हैं जिनका मानना है कि क्षेत्र में जिस तरह से काम होना चाहिए वैसा हुआ ही नहीं है। आज भी जनता एक ऐसे उम्मीदवार और लीडर की तलाश में है जो क्षेत्र में वैसे कामों को अंजाम तक पहुंचा सके, जो काम अधूरे हैं। जामिया मिल्लिया दिल्ली से पढ़ाई करके रांची में टीचिंग लाइन से जुड़े सैयद आलम निर्दलीय इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार है। जब उनसे पूछा गया की आप इस मैदान को क्यों चुना, और क्या वजह है कि वह चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत अफसोस होता है कि आज भी गांव में सड़क, नाली, बिजली, पानी जैसे बहुत से समस्या है। जिन पर आज तक कोई काम ही नहीं किया गया है। अफसोस इस बात की भी है की गांव के कितने ही ऐसे लोगों को यह भी नहीं पता है कि उनका लीडर कौन है। ना उन्होंने कभी उसको देखा है ना उसका ही नाम जानते हैं। ऐसे में काम की बात तो बहुत दूर है। इसीलिए मैंने इस मैदान में किस्मत आजमाने का फैसला किया है। ताकि इस तरह के अधूरे कामों को पूरा किया जा सके। ज्ञात हो कि सैयद आलम रांची शहर के सीनियर जर्नलिस्ट है। आज भी वो अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
