Saturday, July 27, 2024
Jharkhand News

सरकारी अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने से निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक संभव : तुषारकांति शीट

 

विशेष संवाददाता 
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रांची। शहर के जानेमाने समाजसेवी  और सामाजिक संस्था श्रीरामकृष्ण सेवा संघ के सहायक सचिव तुषार कांति शीट ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने और आधारभूत संरचनाएं विकसित करने से काफी हद तक निजी अस्पताल संचालकों की मनमानी पर रोक संभव है।
 कुशल और अनुभवी चिकित्सकों की नियुक्ति,  अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस करने और दक्ष पैरामेडिकल कर्मियों को बहाल करने,अस्पताल की नियमित मॉनिटरिंग करने से सरकारी अस्पतालों का चेहरा बदल सकता है। वहां बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकती है। 
 उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सरकारी अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी। वहीं, दूसरी तरफ निजी अस्पताल संचालकों द्वारा मरीजों के आर्थिक शोषण पर भी रोक लगेगा।
 श्री शीट ने कहा कि बड़े-बड़े निजी अस्पताल कॉर्पोरेट घरानों द्वारा संचालित हैं। कई बड़े अस्पतालों में मरीजों का तो आर्थिक शोषण होता ही है, वहां कार्यरत चिकित्सकों के साथ भी अस्पताल संचालकों का रवैया सही नहीं होता है। 
  कई बड़े निजी अस्पतालों में सेवारत चिकित्सक अस्पताल संचालकों के शोषण और अपनी पीड़ा के बारे में चाहकर भी नहीं बोल सकते हैं। 
उन्होंने कहा कि  राजधानी रांची सहित पूरे झारखंड में निजी अस्पताल प्रबंधक द्वारा मरीजों से इलाज के एवज में मनमानी राशि वसूलने की शिकायतें आती रहती है।  सरकारी अस्पतालों की बदहाली की वजह से निजी अस्पतालों का धंधा बदस्तूर फल-फूल रहा है। इससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस पर सरकार को रोक लगाने की जरूरत है।
 उन्होंने कहा कि राजधानी रांची शहर में स्थित कॉर्पोरेट घरानों द्वारा संचालित कई अस्पतालों में मरीजों के शोषण और मृत मरीजों के परिजनों से दुर्व्यवहार और जबरन राशि वसूलने संबंधी खबरें अक्सर समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती रहती हैं।
 श्री शीट ने कहा कि कई निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना और विभिन्न सरकारी प्रावधानों के तहत मरीजों को राहत नहीं दिए जाने के मामले भी सामने आते रहते हैं। इस दिशा में राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
 निजी अस्पताल संचालकों की नकेल कसना जरूरी है। विशेष रुप से गरीब और जरूरतमंद लोग जब निजी अस्पताल में मरीज के इलाज के लिए पहुंचते हैं, तो अस्पताल संचालकों द्वारा उनका जमकर आर्थिक शोषण किया जाता है। इलाज के नाम पर अनाप-शनाप बिल थमा कर मनमानी राशि वसूल ली जाती है। कई निजी अस्पतालों का इस संबंध में अमानवीय चेहरा भी उजागर हुआ है। कई दफा निजी अस्पताल के प्रबंधन द्वारा मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करने संबंधी खबरें भी मिलती हैं।
 उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाने चाहिए।

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