ओरमांझी– मदरसा अरबिया तज्बीदुल कुरआन हुसिर में शनिवार को हाजी डॉक्टर अलीमुल्लाह साहब के सदारत में एक अहम मीटिंग रखी गई। जिसमें समाज के अन्दर पनपती हुई बेजा रस्म रिवाज की सुधार के लिए ये मीटिंग की गई थी। बैठक की शुरुआत मुफ्ती वसीम साहब ने कुरआन की तिलावत से आगाज हुवा। मौलाना नैय्यर इकबाल साहब ने शरियत की रोशनी में फिजूल खर्ची के नुकसानात पर बयान की। डॉक्टर अलीमुल्लाह साहब ने मीटिंग के मकसद पर विस्तार पूर्वक बयान किया। वही गढ़ हुसिर के सदर मिनाजुल अंसारी ने कहा कि जहा तक हो
शादी विवाह को आसान बनाने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया है, उन्होंने अपील की कि सभी लोग अपना अहम भुमिका निभाए ताकी शादी में फिजूल खर्ची एवम अनावस्यक रस्मो रिवाज से दूरी बनाया जा सके। बैठक में हुसिर कमेटी के साथ अन्य 10 से अधिक गांवो के सदर व सेक्रेटरी सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे। जहां सभी ने यह माना कि केंद्रीय कमेटी हुसिर का जो फैसला होगा इसी को हम अपने-अपने कमेटी में भी लागू करेंगे। उक्त कमेटी की फेहरिस्त इस तरह है। हुसिर,होचर, गढ़ हुसिर,सत्कानांदु, बत्ता कानांदु, बत्ता, मुरूम, नगड़ी, गागी, मायापुर, कोल्हिया कानांदु, खटंगा, बोड़िया से तमाम के सर्व सम्मति से निगम पारित किया गया। जिसमे 1. मांगना का रस्म आज के बाद नहीं होगा। 2. मंगनी की रस्म में 40 से ज्यादा लोग शरीक नहीं होंगे। 3.बारात में ज्यादा से ज्यादा 50 लोग ही शरीफ हो सकते हैं।
- वलीमा और लियावन में औरतों का जाना सख्त मना है। 5. वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करना सख्त मना है उल्लंघन करने पर कमेटी कार्रवाई कर सकती है। 6. रिश्ता तय होने के बाद अगर किसी वजह से टूट जाता है तो केंद्रीय कमेटी और निजी कमेटी मिलकर निर्णय लेंगे। 7. समाज से तिलक और दहेज का खत्म हो। 8. हल्दी का रस्म खत्म किया जाए।