Saturday, July 27, 2024
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अंजुमन हॉल में कुल्लियातूल बनात का शैक्षणिक प्रदर्शन और और इनामी प्रतियोगीता का आयोजन

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महिला शिक्षित होगी तो पूरा जेनरेशन शिक्षित होगा: अबुबकर सिद्दीकी1

रांची : कुल्लियातूल बनात परहेपाट रातु, रांची का शैक्षणिक प्रदर्शन और वार्षिक समरोह सह इनामी प्रतियोगीता का आयोजन अंजुमन प्लाजा हॉल में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत ए कुरान के साथ हुआ। शैक्षणिक प्रदर्शन के मुख्य अतिथि अबू बकर सिद्दीकी, उद्योग और खान सचिव झारखंड सरकार, मोहम्मद अर्शी कमांडेट , जैप हजारीबाग और रियाज अहमद आईएएस थे।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शाहनवाज अहमद खान रिटायर्ड डिप्टी लेबर कमिश्नर एवं पूर्व सचिव बिहार राज्य मदरसा एजुकेशन बोर्ड ने की और संचालन मौलाना शरीफ अहसन मजहरी ने किया। मदरसा कुल्लियातूल बानात के निदेशक सह प्रिंसिपल मौलाना अब्दुल्लाह नदवी ने आए हुए सभी अतिथियों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। मौलाना अब्दुल्लाह नदवी ने कहा कि मदरसा पूरे रांची और झारखंड में लड़कियों का अकेला सबसे बड़ा मदरसा है। जहां प्रतिवर्ष लगभग 800 बच्ची शिक्षा ग्रहण करते है।

जहां दीनी शिक्षा के साथ साथ झारखंड एकेडमिक काउंसिल से मैट्रिक देकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है। जिसमे 650 लड़कियां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही है। नदवी ने ऐलान किया की ईद के बाद मदरसा में हिफ्ज विभाग शुरू किया जायेगा। मदरसा कुल्ल्यातुल बानात की लड़कियां अपनी साल भर की पढ़ाई का प्रदर्शन किया। शैक्षणिक प्रदर्शन में मदरसा में पढ़ने वाली लड़कियों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम पेश किए। बेहतर स्पीच, नात, ड्रॉइंग, सिलाई कढ़ाई, कंप्यूटर प्रतियोगिता और अपने-अपने क्लास में अच्छे पोजीशन लाने वाली बच्चियों को पुरस्कारों से नवाजा गया।

मौलाना ने कहा कि 25 सालों से शिक्षा के क्षेत्र में मदरसा कुल्लियातूल बनात काम कर रही है। मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के खान सचिव अबुबकर सिद्दीकी ने कहा कि महिला शिक्षित होगी तो पूरा जेनरेशन शिक्षित होगा।बच्चे और बच्चियों को हर कंपटीशन के लिए तैयार रहना होगा। अपनी काबिलियत को समझना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हिफ्ज ए कुरान की दौलत दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है । कुरान के पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों खुश नसीब हैं।

अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्ते पर चलकर ही लोगों को कामयाबी मिल सकती है। हमें दुनिया की शिक्षा के साथ-साथ दीनी तालीम भी हासिल करनी चाहिए ,जिससे दुनिया के साथ-साथ आखिरत की भी तैयारी हो सके। वहीं अपने अध्यक्षीय भाषण में शाहनवाज अहमद खान ने कहा की शिक्षा का अर्थ केवल यही नहीं की किताबे रट लिए। शिक्षा की प्रक्रिया तभी पूर्ण कही जा सकती है जब आप अर्जित ज्ञान का सदुपयोग करने में सक्षम हों। इसलिए, शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करना और जानकारी एकत्र करना नहीं है बल्कि आपने जो सीखा है उसे दैनिक जीवन परिदृश्यों में लागू करने की क्षमता विकसित करना है।

विशिष्ट अतिथि मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने अपने संबोधन में कहा की वर्तमान युग में शिक्षा का महत्त्व बहुत आगे बढ़ गया है और लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब अगर हम अपना भविष्य बेहतर और उज्ज्वल बनाना चाहते हैं, तो उसके लिए शिक्षा प्राप्त करना बहुत ही ज़रूरी है। शिक्षा के बिना हम अपने जीवन में कुछ भी अच्छा प्राप्त नहीं कर सकते हैं। यदि हम अपने जीवन में कुछ अच्छा और बड़ा करना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें शिक्षित होना होगा। जो व्यक्ति उच्च शिक्षा ग्रहण करता है, उस व्यक्ति का स्तर अपने परिवार, दोस्तों और समाज के सामने हमेशा ऊंचा रहता है। उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों की पहचान अपने आप ही अलग बनती चली जाती है।

वहीं मुफ्ती सलमान कासमी, मुफ्ती तलहा नदवी, समी आज़ाद, हाजी मुख्तार अहमद, मौलाना शरीफ अहसन मजहरी, मौलाना साबिर मोहनपुरी, मो जुनैद आलम आदि ने संबोधित किया। शैक्षणिक प्रदर्शन और इनामी प्रतियोगिता में शहर के कई दानिश्वर और उलेमा शामिल थे।

जिनमे मौलाना सैयद तहजीबुल हसन, समी आज़ाद, मौलाना साबिर, मौलाना रिजवान, मुफ्ती अनवर कासमी, मौलाना आबुलकलाम, डॉक्टर एस्टी अहमद, डॉक्टर एम अख्तर, मौलाना रफीक नदवी, मौलाना खुर्शीद, मौलाना एजाज, मौलाना सलीम उद्दीन, मौलाना तारिक, मौलाना अब्दुल मुबीन, मौलाना नसीम, अधिवक्ता सुलतान, अधिवक्ता सरफराज, समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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