संविधान की प्रस्तावना को एन.सी.ई.आर.टी.कि नई पुस्तकों से हटाना संविधान को मिटाने कि साजिश


आई.यू.एम.एल.के प्रदेश महासचिव शानुल हक़ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुवे कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस वर्ष जारी कक्षा 3 और 6 की कई पुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया है। जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
2020 में एनडीए सरकार द्वारा नवीनतम राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरुआत के बाद इसमें संशोधित कर रही है, इस वर्ष नई राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए कक्षा 3 और 6 के लिए नई पुस्तक जारी की गई है जिसमे जानबूझकर संविधान की प्रस्तावना को हटाया गया है।
प्रदेश महासचिव शानूलक ने कहा कि एनसीईआरटी को यह बताना चाहिए कि उसने कई पाठ्य पुस्तकों से से प्रस्तावना को क्यों हटाया है।
जबकि पुरानी ईवीएस पुस्तक लुकिंग अराउंड और हिंदी पुस्तक रिमझिम कक्षा 3 में प्रस्तावना मवजूद है।
एनसीईआरटी ने इससे पहले कक्षा 12 की राजनीतिक विज्ञान की पुस्तक में बाबरी विध्वंस के सभी उल्लेखों को हटा दिया था और उसकी जगह श्री राम के जन्म स्थान पर निर्मित तीन गुंबद वाली संरचना लिखा था।
उन्हों ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना को एनसीईआरटी की नई पुस्तकों से हटा कर मनुवादी विचारधारा को स्थापित करने का षडयंत्र रचा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जून को नई दिल्ली में एनडीए की बैठक में भाग लेने के दौरान संविधान के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए संविधान को माथे से लगाया था लेकिन ये सब सिर्फ दिखावा और छलावा है।
शानुल हक़ ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान की प्रस्तावना से डरती है जिसमें स्वतंत्रता, समानता, और बंधुत्व, जैसे संविधान के मूल मूल्य शामिल है, इसलिए इसने कई पुस्तकों से प्रस्तावना को हटा दिया है। इस सरकार में संविधान के मूल मूल्य के खिलाफ काम किया है
भाजपा सरकार ने भारत के संविधान को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश किया है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों को एक साथ आना चाहिए और हमारे इतिहास को मिटाने के इस जबरदस्त साजिश के प्रयास का विरोध करना चाहिए।
Shanul Haque
State General Secretary
Indian Union Muslim league
Jharkhand State.
