झूठी खबरों पर सख्त कार्रवाई करेंगे: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की दो-टूक चेतावनी


“खबर की सत्यता की जांच होगी, विभाग की लापरवाही मिली तो जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई: डॉ. इरफान अंसारी”
“मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने विभाग के सचिव से बात कर झूठी खबर की सत्यता की जांच का दिया आदेश”
” एक डॉक्टर होने के नाते ईमानदारी से काम कर रहा हूं, सपोर्ट करें; बेवजह की खबरों में ना फंसाएं: डॉ. इरफान अंसारी”
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एक प्रमुख समाचार पत्र द्वारा आज प्रकाशित भ्रामक और तथ्यहीन समाचार पर कड़ी आपत्ति जताई है। यह खबर, जो सरकारी अस्पताल की स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।
इससे पहले, एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल ने भी इसी प्रकार की झूठी खबरें प्रसारित की थीं। आज, एक समाचार पत्र ने झूठे आरोप लगाते हुए दावा किया है कि अस्पतालों में बिस्तर ₹2000 लेकर दिए जा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से निराधार और तथ्यहीन हैं।
मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अस्पताल का दौरा कर मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे। स्वास्थ्य विभाग में किए गए सुधार झारखंड की जनता के सामने हैं। इसके बावजूद, कुछ तत्व जानबूझकर विभाग की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।
आगे मंत्री डॉ.इरफान अंसारी ने विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए और घटना की सत्यता उजागर की जाए। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ समूह जानबूझकर विभाग के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।
डॉ. इरफान अंसारी ने कहा,
” मेरी ईमानदारी और मेहनत को पचाना कुछ खास लोगो के लिए मुश्किल हो गया है। अगर किसी को समस्या है, तो मुझसे सीधे संपर्क करें और समाधान में मेरी मदद करें, लेकिन झूठी खबरों के जरिए सरकार और विभाग की छवि खराब करना सरासर गलत है।”
मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने संबंधित मीडिया समूह को चेतावनी दी कि यदि खबरें झूठी पाई गईं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर आरोप सही साबित हुए, तो रिम्स प्रबंधन और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अपील की है कि वे ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और किसी भी समस्या या जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग से सीधे संपर्क करें।
