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ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस उलेमा के द्वारा शोक सभा का आयोजन

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मौलाना अख़्तर मौलाना आजाद के दूसरे रूप थे: अज़हर कासमी

रांची: ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस उलेमा झारखंड के द्वारा फख्र झारखंड स्वर्गीय हजरत मौलाना हाजी अख्तर हुसैन मजाहिरी कि याद में शोक सभा का आयोजन किया गया। मजलिस के केंद्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी ने कहा कि स्वर्गीय मौलाना अख़्तर मौलाना अबुल कलाम आजाद के दूसरे रूप थे। मरहूम का सेवा समाजिक, शिक्षा में बहुत है। सभा की शुरुआत मौलाना उमर फारूक के तिलावत कुरान से हुआ। नात नबी झारखंड के प्रख्यात कारी हजरत कारी सोहेब अहमद ने ताजियती नज़्म पढ़ा। वहीं कारी अशरफुल हक मजाहिरी नाजिम मदरसा आलिया कांके ने कहा कि मौलाना पढ़ने के जमाने से ही कांग्रेस और जमीयत उलेमा हिंद से जुड़े रहे। शिबू सोरेन, सूरज मंडल और कई लोगों के साथ जुड़कर झारखंड आंदोलन की लड़ाई लड़ी। वहीं मौलाना असगर मिस्बाही ने कहा कि मरहूम ने कभी गलत का साथ नहीं दिया। मौलाना मंसूर आलम मजाहिरी ने कहा कि अक्सर हज़रत के साथ हम रहे है। उनकी शख्शियत बड़ी कमाल की थी। मौलाना शाहबुद्दीन मजाहिरी ने कहा कि मरहूम की किन किन खूबियों को बयान किया जाए।

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पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड राज्य बनाने में मौलाना अख़्तर का अहम रोल रहा है। जाती, पार्टी, धर्म से ऊपर उठ कर काम करते थे। मरहूम काम को ही इबादत समझते थे। डॉक्टर तारिक हुसैन ने कहा कि मौलाना मरहूम से मेरी बात हुई थी उन्होंने कहा कि जो समाज से दूर है ऐसे लोगों को अंजुमन से जोड़िए। हम इस पर काम करेंगे। बच्चा बाबू ने कहा कि मौलाना मरहूम औलाद से बढ़कर मानते थे। इस मौके पर कारी अशरफुल हक, मौलाना मंसूर आलम मजाहिरी, मौलाना शाहबुद्दीन मजाहिरी, कारी सोहेब अहमद, मो शफीक अनवर, मौलाना उमर फारूक कासमी, मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी, मौलाना असगर मिस्बाही, मौलाना मुकर्रम मजाहिरी, कारी मो ज़ुबैर, कारी अब्दुल हाफिज, बच्चा बाबू, श्री आलोक सिंह ठाकुर, पुष्कर महतो, मकसूद आलम, डॉक्टर तारिक, मो इरशाद, मो शकील समेत कई लोग थे।

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