राजनीतिक एवं सामाजिक सेकुलर ताकतों पर प्रेशर ग्रुप बनाना जरूरी है: कासमी


रांची। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को वक्फ संशोधित बिल 2024 रोकने के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक सेकुलर ताकतों का संयुक्त प्रेशर ग्रुप बनाना जरूरी है उक्त मांग मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर कासमी राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए उलेमा ने की। मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर कासमी ने कहा कि ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड संयुक्त राजनीतिक एवं सामाजिक संगठन का एक प्रतिनिधि मंडल बनाए और विशेष रूप से बिहार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष वक्फ संशोधन बिल 2024 के लागू होने से नुकसान से वाकिफ करायें और इस बात का ध्यान आकर्षिक करायें कि भारत में मुसलमान के वक्फ प्रॉपर्टी मुस्लिम समाज डेवलपमेंट के लिए यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के तरक्की करने के लिए दिया गया है । भारत सरकार वक्फ संशोधन बिल को लागू करने से परहेज करना चाहिए । दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री और इन पार्टी से मुसलमान और सेकुलर दलों के नेताओं का एक वोट लेकर विकास के नाम पर कामयाब हुए हैं । इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के नजर में भारत सरकार चल रही है। अगर इन दोनों राज्य के सियासी पार्टियों सेकुलर ताकतों के साथ लेकर चलना चाहती है , तो भारत के 25 करोड़ मुसलमान और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है , मुस्लिम पर्सनल लॉ बॉर्डर भारत के मुसलमान के संयुक्त बोर्ड है, इसके कल नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास है।
