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शिक्षा से व्यक्ति का चरित्र और सोच बेहतर होती है : मुफ्ती नजर तौहीद

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अपने अख्लाक और किरदार को सुधारने की जरूरत : मौलाना नसीम

जामिया उस्मान बिन अफ्फान में जलसा ए दस्तारबंदी का आयोजन

रांची: अगर ज्ञान से व्यक्ति का चरित्र और सोच नहीं बदलती तो वह समय की बर्बादी है। ज्ञान वह है जो कर्म के द्वार खोलता है, सोच में सकारात्मक बदलाव लाता है और आखिरत को बेहतर बनाने में मदद करता है। उक्त बातें शेखुल हदीस हजरत मौलाना मुफ्ती नजर तौहीद मुजाहिरी ने कहीं। वह जामिया उस्मान बिन अफ्फान खोरी महवा में दस्तारबंदी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हाफिज के महत्व को समझाते हुए कहा कि कयामत के दिन अल्लाह हाफिजों से कहेगा कुरान को पढ़ता जा और जन्नत की सीढ़ियो पर चढ़ता जा। माता-पिता के महत्व और उनके अधिकार को बताया। इस्लामी तौर-तरीकों से निकाह करें। वहीं, जलसा के संरक्षक हजरत मौलाना नसीम अनवर नदवी ने कहा कि आज यह समझने की जरूरत है कि अल्लाह हमसे क्या चाहता है। अपने रब को पहचाने। अपने आचार-विचार और चरित्र को दुरुस्त करने की जरूरत है।

वहीं, बतौर मुख्यअतिथि दारुल उलूम देवबंद के प्रचारक हजरत मौलाना इरफान कासमी ने कहा कि ऐ लोगों अल्लाह की नाफरमानी से बचो। गुनाह का मतलब नाफरमानी है। मां-बाप के शब्दों की नाफरमानी, अल्लाह के हुक्म की नाफरमानी ये नाफरमानी ही गुनाह है। गुनाह से बचाने वाली चीज अल्लाह का डर है। इस्लाम का हुक्म है इबादत के वक्त इबादत करो और तिजारत के वक्त तिजारत करो। वहीं, कोलकाता के इमाम व खतीब हजरत मौलाना मुफ्ती इजहारुल हक नोमानी और जमीयत उलेमा गिरिडीह के अध्यक्ष हजरत मौलाना अकरम कासमी ने भी जलसे को संबोधित किया।

जलसे की अध्यक्षता हजरत मौलाना मुफ्ती नजर तौहीद मजाहिरी ने की और संचालन नकीब हिंदुस्तान जनाब मुजाहिद हसनैन हबीबी ने किया। नात ख्वानी शायर इस्लाम जनाब दिल खैराबादी और कारी असद आजमी ने पेश की। जलसे की शुरुआत हजरत कारी सज्जाद द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुई। जलसे का आयोजन उस्मानिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के चेयरमैन, जामिया उस्मान बिन अफ्फान के नाजिम व जेयूए पब्लिक स्कूल के निदेशक हजरत मौलाना इलियास मजाहेरी ने किया। मदरसा से पासआउट हाफिजों के सरो पर उलेमा द्वारा पगड़ी बांधी गई।

जामिया के पैम्फलेट निदाए उस्मान का विमोचन किया गया। वहीं शायर असद आज़मी के नात के बाद मदीना ट्रैवल्स ने घोषणा की गई कि असद आज़मी के उमराह का पूरा खर्च मदीना ट्रैवल्स उठाएगा। वहीं, इस जलसे में कई लोगों को उनकी पत्रकारिता और साहित्यिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। मौलाना इलियास मजाहिरी ने इसी मौके पर मौलाना अशफाक कासमी के नाम सहायक नाजिम की घोषणा की।

इस अवसर पर हजरत मौलाना मंजूर कासमी, हजरत मौलाना मुफ्ती सनाउल्लाह, मुफ्ती नसीम, मुफ्ती गुलाम रसूल, हजरत मौलाना मुहम्मद रुस्तम, हजरत मौलाना मुहम्मद जौहर, मौलाना मुजाहिद साहब कासमी, हजरत मौलाना मुहम्मद मासूम, हजरत मौलाना जाहिद हसन, हाफिज मकसूद आलम निदेशक इकरा पब्लिक स्कूल, मुफ्ती अहमद बिन नजर, मौलाना उसामा, समेत सैंकड़ों उलेमा, बुद्धिजीवी शामिल थे।

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