मत्स्य विभाग की एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित, मत्स्य पालन को रोजगार बनाएं, आमदनी बढ़ायें: उप विकास आयुक्त


रांची/कोडरमा। मत्स्य विभाग द्वारा मंगलवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष रामधन यादव ने कहा कि मत्स्य पालन कृषि का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कृषि के साथ-साथ मत्स्यपालन का भी कार्य असानी से किया जा सकता है। कोडरमा जिला मछली पालन में पूरे राज्य में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि मछली पालन प्रारंभ करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना बहुत जरूरी है, तभी विभागीय योजनाओं के साथ सब्सिडी का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

कार्यशाला में उपस्थित मत्स्य कृषकों को संबोधित करते हुए कोडरमा के उप विकास आयुक्त ऋतु राज ने कहा कि मछली पालन हेतु आपस में प्रतिस्पर्द्धा करें। डैम में मछली पालन के साथ-साथ तालाबों में भी मछली पालन करें। तालाब मौसमी हो या सदाबहार उसके अनुसार मछली बीज तथा मत्स्य उत्पादन का कार्य किया जा सकता है। इसके लिए एक नेटवर्क बनाकर कार्य किया जा सकता है तथा अधिक से अधिक लोगों को मत्स्य पालन कर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। प्रत्येक पंचायत पर समूह बनाकर या समिति बनाकर मछली पालन से जुड़ने का आहवान किया गया। उन्होंने कहा कि यदि कोई समूह इच्छुक हो तो उसे डीएमएफटी योजना से मछली का चारा या फिश फीड प्लांट लगाने हेतु आवश्यक कार्रवाई किये जाने का जिला मत्स्य पदाधिकारी को निदेश दिया गया। साथ ही इस प्रकार की कार्यशाला प्रत्येक प्रखण्ड स्तर पर आयोजित करने का निदेश दिया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी, कोडरमा ने बताया कि कोडरमा जिला में 35 सहकारी समितियाँ गठित है। मछली पालन के लिए भी अधिक से अधिक समिति बनाकर योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया।
जिले के प्रगतिशील मत्स्य पालक प्रकाश रविदास, चन्दवारा द्वारा बताया गया कि उनके केज में 60 से 70 टन मछली है। जिसकी बिक्री वह कोडरमा, हजारीबाग, बरही, बिहार एवं उत्तर प्रदेश तक करते है।
जिले के प्रगतिशील मत्स्य पालक सिकन्दर कुमार, मरकच्चो द्वारा बताया गया कि उनके केज में 30 से 40 टन मछली है। जिसकी बिक्री वह कोडरमा, बिहार एवं उत्तर प्रदेश तक करते है।
जिले के प्रगतिशील मत्स्य पालक बिरेन्द्र पासवान, चन्दवारा द्वारा बताया गया कि वह 2009 से मछली पालन कार्य से जुड़े हुए है। उनके केज में 10 से 12 टन मछली है। जिसकी बिक्री वह कोडरमा, बिहार एवं उत्तर प्रदेश तक करते है। प्रगतिशील मत्स्य पालक मधुसूदन दास, डोमचांच द्वारा बताया गया कि वह तालाब, बायोफलॉक तालाब में मछली पालन कार्य करते है। जिसकी बिक्री वह नलवशाही बाजार, कोडरमा बाजार और बिहार में करते है। विभाग द्वारा इनको फिड मिल भी प्राप्त हुआ है, जिसके द्वारा फिड का भी उत्पादन का कार्य भी इनके द्वारा किया जाता है।
कार्याशाला के इस कार्यक्रम में मो. रफीक अंसारी, जयनगर, सरयू यादव, चन्दवारा, कंचन देवी, केज पालक चन्दवारा तथा कार्यालय से सुन्दर चौधरी, मनोज कुमार, पंकज कुमार गांधी, राजेश कुमार पांडेय, मिकु कुमार, रामाशंकर वर्मा, रितीका कुमारी एवं अन्य कर्मी सहित लगभग 150 मत्स्य कृषक उपस्थित थे।
