Sunday, September 8, 2024
Ranchi Jharkhand News

रमजान में ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत में गुजारें: माजदा परवीन

राँची : रमजान में महिलाओं पर काम का बोझ बढ़ जाता है या यूं कहें कि इस महीने में आम दिनों से वह ज्यादा व्यस्त रहती हैं। बच्चों और बड़ों की पसंद को ध्यान में रखते हुए सेहरी और इफ्तार का आयोजन करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन महिला घर के इस जिम्मेदारी को शान से निभाती है। इस महीने में खाना दारी का मजा ही कुछ और होता है। सेहरी और इफ्तार के लिए तरह तरह के पकवान तैयार करतीं हैं। घरेलू काम काज के बाद फिर पांच वक्त नमाज के लिए समय निकालती हैं। दिन में कुरान पाक की तिलावत करना। इस पूरे रमजान में कम से कम दो तीन खत्म कुरान करना है। इस के बाद भी महिलाएं, पुरुष और ।बच्चे सभी इस शुभ महीने की प्रतीक्षा करते हैं और तहे दिल से इसका स्वागत करते हैं। रमजान के दिनों में महिलाएं दिन व रात कैसे गुजारती हैं। पांचों वक्त की नमाज भी पढ़ती हैं। रोजे और नमाज के साथ अपने कार्य को भी बखूबी अंजाम दे रही हैं। माजदा परवीन ने बताया कि रोजा फर्ज है। इसे रखना जरूरी है। रोजे को लेकर कभी काम काज में कोई दिक्कत नहीं आती है। वह बचपन से रोजा रखती आई हैं। माजदा कहती है की मेरा घराना एक दीनी घराना है। हमारे दो भाई मुफ्ती हैं। हमने जो भी सीखा है अपने घर से ही सीखी हूं। अल्लाह पाक से दुआ है की अल्लाह पाक हमारे पूरे घर वालों को किसी का मोहताज न बनाए। मेरे माता, पिता को लंबी उम्र सेहत दे।
माजदा परवीन हाउस वाइफ रांची

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