Saturday, July 27, 2024
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शब-ए-बारात पर इबादत में गुजरेगी पूरी रात, सोमवार को रखेंगे रोजा

शब-ए-बारात कल, मस्जिदों में विशेष तैयारी

रांची : इबादत व मगफिरत की रात शब-ए-बारात रविवार को है। मुस्लिम धर्मावलंबी पूरी रात इबादत में मशगूल रहेंगे और दूसरे दिन अर्थात सोमवार को रोजा रखेंगे। इबादत और मगफिरत का त्योहार शब-ए-बारात का उत्साह इस बार काफी देखा जा रहा है। इबादत व मगफिरत का यह पर्व शब-ए-बारात इस्लामी कैलेंडर के शाबान महीना के 15 तारीख को मनाया जाता है। शब-ए-बारात पर्व को लेकर प्राय: मस्जिदों में विशेष तैयारी की गई है। मस्जिदों में इबादत के लिए आने वाले धर्मावलंबियों के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की जाती है। मस्जिदों व कब्रिस्तानों में लाइट्स की वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। चूंकि शाम ढलते ही मस्जिदों में इबादत करने वाले लोगों की भीड़ जुटने लगती है। शाम से लेकर सुबह के फजर की नमाज तक लोगों की भीड़ जुटी रहती है। इस क्रम में लोग कब्रिस्तान भी जाते हैं और फातिहा पढ़ते हैं। पर्व को लेकर बच्चे उत्साहित हैं। शब-ए-बरात के ठीक पंद्रह दिनों के बाद रमजान शुरू हो जाएगा। शाबान और रमजान का महीना मुसलमानों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यही वजह है कि शब-ए-बारात पर्व का काफी महत्व दिया जाता है।

शब-ए-बारात में भाईचारगी की फिजा को मजबूत करें : मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी


रांची : मस्जिद जाफरिया के इमाम व खतीब हाजी मौलाना सैयद तहजिबुल हसन रिजवी ने कहा कि इस्लामी इबादतों में शबे बरात की रात की इबादत मगफिरत और तौबा की रात है। इस रात में अल्लाह पाक अपने बंदों पर फरिश्तों का नजूल करता है। ताकि वह बंदों के किए हुए नेक अमल को लिखे। शबे बरात की रात को हर मुसलमान अपने बुजुर्गों की कब्र पर जाकर उसके लिए दुआएं मगफिरत करता है। इस दुआ से पता चलता है कि अगर तुमने दुनिया में रहकर अच्छे कार्य किए हैं, तो लोग तुम्हें जरूर याद करेंगे। आओ शबे बरात में हम एक दूसरे के काम आए और नफरत को मिटाए। भाईचारगी की फिजा को मजबूत करें।

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