ड्रीमलैंड पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन
रांची, 11 नवंबर: ड्रीमलैंड पब्लिक स्कूल, हिंदपीड़ी थर्ड स्ट्रीट रांची में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें भाषण प्रतियोगिता, लेखन प्रतियोगिता, और चित्रांकन प्रतियोगिता प्रमुख रहे। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को मेडल और प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना आजाद ह्यूमेन इनिशिएटिव व साझा मंच के कन्वेनर और वक्फ बोर्ड के सदस्य, श्री इबरार अहमद उपस्थित रहे।
उन्होंने मौलाना आजाद: भारत के आधुनिक शिक्षा के जनक एवं गंगा-जमुनी तहजीब के अग्रदूत विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मौलाना आजाद के शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान और उनकी दूरदर्शी सोच अद्भुत थी।
मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और आधुनिक भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में जाने जाते हैं। उनकी दूरदर्शी सोच ने भारत में शिक्षा की नींव को मजबूत किया। आजाद का मानना था कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे व्यक्ति और समाज का सर्वांगीण विकास संभव है। उन्होंने शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाने पर जोर दिया और इसके लिए उन्होंने कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की नींव रखी। आईआईटी, आईआईएससी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का विचार भी उनकी ही सोच का हिस्सा था।
मौलाना आजाद की सोच मात्र शिक्षा तक सीमित नहीं थी, वे गंगा-जमुनी तहजीब के प्रवर्तक भी थे, जिन्होंने विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के समन्वय को बढ़ावा दिया। उनका मानना था कि भारत की विविधता ही उसकी ताकत है और सभी समुदायों को मिलकर देश की उन्नति के लिए काम करना चाहिए।
आजाद का जीवन और उनकी सोच आज भी हमें प्रेरणा देती है। उनका योगदान न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक सौहार्द और एकता में भी अमूल्य है।
इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में मौलाना आजाद के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा प्राप्त करना था, जिससे वे अपने समाज और देश की प्रगति में योगदान दे सकें।
इस मौके पर मुख्य रूप से अंजुमन इस्लामिया के उपाध्यक्ष मोहम्मद नौशाद, हाजी नवाब, मोहम्मद सलाहउद्दीन, स्कूल के निदेशिका नाज़िया तबस्सुम, इरम अख्तर के साथ स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।