मुफ्ती नज़रे तौहीद की दुआ पर हिदाया एकेडमी शुरुआत हुई
रांची: शिक्षा के साथ अनुशासन होना जरूरी है। जिसके पास अनुशासन और शिक्षा होगा वो कामियाब होगा। उक्त बातें हिंदपीढ़ी छोटी मस्जिद के खतीब कारी एहसान ने कही। वह शनिवार को जयनगर कठाडीह में हिदाया एकेडमी और मस्जिद आयशा का नीव रखने के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिदाया एकेडमी में नर्सरी से ही कुरान पाक को सेहत के साथ पढ़ाना।
वहीं शेखुल हदीस व प्रिंसिपल जामिया राशिदुल उलूम चतरा मौलाना मुफ्ती नज़रे तौहीद ने अपने संबोधन में कहा की दीनी वा दुनियावी शिक्षा यह अंग्रेजो की साज़िश हैं। सभी शिक्षा कुरान का है। कुरान को समझने और समझाने के लिए जो भी लैंग्वेज जानते है वो दीनी है। इस वर्ष जामिया राशिदुल उलूम में एस्ट्रोनोलाजी की कलास शुरू होगी। हिदाया एकेडमी सिर्फ शिक्षा नहीं बल्कि सामाजिक मैदान में भी काम करेगी। वहीं हदीस के शिक्षक मुफ्ती शोएब आलम कासमी ने कहा कि शिक्षा के साथ तरबियत भी जरूरी है। दीनी माहौल में दुनियावी शिक्षा हिदाया एकेडमी में दी जाएगी।
वहीं प्रोफेसर सैफुल्लाह रांची ने कहा की एजुकेशन हर उम्र के मर्द औरत, बच्चे बूढ़े की जरूरत है। मस्जिद नब्वी शिक्षा का केंद्र है। उसी तरह हर मस्जिद को शिक्षा का केंद्र बनाने की जरूरत है। एजुकेशन कोई भी हो अपने बच्चो को पढ़ाए। वहीं छोटी मस्जिद के इमाम मौलाना अबुल कलाम ने कहा कि आज के समय में इस्लामिक स्कूल की जरूरत है। जहां स्कूल में धार्मिक शिक्षा भी जाती हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना शाह जहां कासमी ने की और संचालन मुफ्ती अहमद बिन नज़र ने किया।
प्रोग्राम की शुरुआत कारी मो तलहा के कुरान पाक की तिलावत से हुआ। नात पाक हाफिज अबुल कलाम ने पढ़ी। कार्यक्रम का मक़सद मौलाना अरमान क़ासमी, मौलाना नसीम और कारी एहसान ने रखी। मुफ्ती नज़रे तौहीद की दुआ पर संपन्न हुआ। मौके पर रांची के कारी आरिफ़, वसी खान, शहजाद आलम, हैदर खान, शाहिद खान, बाबर खान, अल्ताफ खान, सलाम खान, कारी जियाउद्दीन, कारी अत्ताउल्लाह, शमीम खान, इकराम खान, हाफिज मुख्तार, कारी रिजवान, मौलाना नसरुल्ला, मौलाना महबूब, मुफ्ती तैय्यब, अब्दुल हन्नान, मौलाना रईस कौसर, हाफिज सद्दाम आदि थे।