Saturday, July 27, 2024
Ranchi Jharkhand

मुस्लिम लॉ में उत्तराधिकारी एवं परिवारिक विवाह पर सेमिनार संपन्न

रांची: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तत्वाधान में आज 13 दिसंबर 2023 को 5:30 बजे शाम से गोस्सनर कॉलेज थियोलॉजिकल हाल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉक्टर मजीद आलम निदेशक आलम हॉस्पिटल ने की और संचालन मौलाना रिजवान दानिश ने किया। इस सेमिनार का विषय है “मुस्लिम लॉ में उत्तराधिकारी एवं परिवारिक विवाह”। इस सेमिनार के मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक हैं। विशिष्ट अतिथि मुफ्ती उमर आबिदीन, अधिवक्ता ए अल्लाम, मुफ्ती नज़रे तौहीद, बिपिन कुमार पानी थे। आए हुए सभी अतिथियों का फूलो का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया। रियाज शरीफ ने स्वागत संबोधन दिया।

वहीं मुख्य अतिथि जस्टिस डॉक्टर एस एन पाठक ने कहा की आई सैल्यीयुट इस्लामिक लॉ। मुस्लिम लॉ 1937 में बना। लेकिन एक एक चीज का इस लॉ में ख्याल रखा गया है। कुरान ने कहा अपना मसला बैठकर सुलझाओ। कोर्ट ने कहा पहले अपना मामला मध्यछता से सुलझाओं। कोई भी धर्म गलत करने को नही सिखाता। सबसे अच्छा हमारा संविधान है। इसको फोलो कीजिए सब लॉ ठीक रहेगा। वहीं लखनऊ से आए हजरत मौलाना उमर आबिदीन ने शरीयत लॉ की पूरी जानकारी दी। आज हम जिस समाज जिस देश में हैं वहा रह रहे एक दूसरे के बारे में जानने की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 40 वर्ष से ज्यादा काम कर रही है। बोर्ड मुस्लिम समाज को यूनाइटेड करता है। शरीयत ने विरासत यानी बटवारा के बारे में छोटी छोटी जानकारी दी। अल्लाह के नजदीक सबसे ना पसंद अमल है तलाक। तलाक़ से बचने को कुरान व हदीस ने कहा। शरीयत ने महिलाओं को खर्च करने की जिम्मेदारी नहीं दी। सिर्फ मर्दों को यह जिम्मेदारी दी। इस के बारे में जानने की जरूरत है। वहीं मुफ्ती नजरे तौहीद ने अपने संबोधन में कहा कि हर मज़हब हर समाज में पर्सनल लॉ है। 1937 में अंग्रेजो ने मुस्लिम लॉ बनाया। महिला से ज्यादा मर्दों की जिम्मेदारी खर्च की है। अगर वो पिता है तो बेटा बेटी की जिम्मेदारी, पति है तो पत्नी की जिम्मेदारी, भाई है तो बहन की जिम्मेदारी, दादा है तो पोता पोती की जिम्मेदारी होती है। वहीं महिलाओं को खर्च की जिम्मेदारी नहीं है। अगर मुसलमान कुरान हदीस पर अमल करे तो कोई दिक्कत नही होगी।

वहीं बिपिन कुमार पानी ने अपने संबोधन में कहा कि कोई भी लॉ जोड़ने के लिए होता है तोड़ने के लिए नही। तलाक़ शब्द परिवार को तोड़ता है, जोड़ता नहीं। वहीं अधिवक्ता मुमताज अहमद खान ने अपने संबोधन में कहा कि इस सेमिनार का उद्देश है मुस्लिम लॉ के बारे जानकारी साझा करना। मुस्लिम लॉ में महिलाओं का ज्यादा हक दिया है और मां के पैरो के नीचे जन्नत कहा है। वहीं डॉक्टर संगीता लाहा ने कहा की मुस्लिम लॉ बहुत इंट्रेस्टिंग है। इस लॉ में सभी का ख्याल रखा गया है। वहीं एके रशीदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुस्लिम लॉ के बारे में ज्यादा जानकारी एक दूसरे को बताना है। आज जरूरत है अपना मामला बैठकर हल करने का। वहीं अधिवक्ता ए अल्लाम ने अपने संबोधन में मुस्लिम लॉ के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा मुफ्ती इम्तियाज ने मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी का पैगाम पढ़ा।

धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता हामिद रजा खान ने की। इस मौके पर अधिवक्ता अज़हर खान, अधिवक्ता हाफीजुद्दीन अंसारी, अधिवक्ता मजहरूल हक़, अधिवक्ता अब्दुल रऊफ अंसारी, अधिवक्ता गुफरान खान, अधिवक्ता हिमायू रशीद, अधिवक्ता सलीम इब्राहिम खान, अधिवक्ता नसर इमाम, अधिवक्ता सुल्तान खान, अधिवक्ता शीश आलम, अधिवक्ता अजहर खान, अधिवक्ता हैदर अली, अधिवक्ता विजल रहमान, अधिवक्ता मोहम्मद तबरेज, अधिवक्ता महफूज आलम, अधिवक्ता परवेज आलम, अधिवक्ता रजाउल्लाह, कर्नल खालिद खान, मुंशी राम, मुदब्बिर हुसैन, मुख्तार खान, हैदर इमाम, सरफराज खान, हाजी मुख्तार, पीके भट्टा चार्य, बेलाल अहमद खान,

Advocate Sultan Khan, Adv Waizur Rahman
Advocate Sultan Khan, Adv Azahar Khan
Advocate Sultan Khan, Adv Mumtaz Khan
Advocate Sultan Khan, Adv Riyazullah
Advocate Sultan Khan, Adv Gufran
Advocate Sultan Khan: Adv Asadullah
Advocate Sultan Khan, Adv Shish
Advocate Sultan Khan, Adv Sarfraz Akhtar
Advocate Sultan Khan, Adv Tabrez
Advocate Sultan Khan, Adv Qamar, Advocate Sultan Khan: Adv Nasar, Advocate Sultan Khan, Adv Shamim, Advocate Sultan Khan, Adv Hasmad, Advocate Sultan Khan, Adv Haider Ali, Advocate Sultan Khan, Adv Shahid, Advocate Sultan Khan, Adv Sarfaraz Khan, Advocate Sultan Khan, Adv Sultan Khan

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