Saturday, July 27, 2024
Ranchi Jharkhand News

सचिव ने शिक्षक मोर्चा के प्रतिनिधियों से कहा जल्द बैठक बुलाकर निर्देशिका 770 के आपत्तियों का करेंगें निराकरण

शिक्षा सचिव से मिला संयुक्त शिक्षक मोर्चा का शिष्टमंडल

आपत्ति दूर नहीं तो वरीय शिक्षक हो जायेंगें कनीय और कनीय शिक्षक हो जायेंगें वरीय : संयुक्त शिक्षक मोर्चा

राँची, 21 अक्टुबर 2023,
झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के सचिव श्री के रवि कुमार से मिलकर विभागीय पत्रांक 770 के माध्यम से राज्य के सभी उपायुक्त एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिए गए मार्गदर्शन पर आपत्ति दर्ज किया है।
मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह एवं अमीन अहमद ने सचिव महोदय के समक्ष पत्रांक 770 पर आपत्ति करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा जारी किए गए संकल्पों के अनुरूप विभागीय पत्रांक 619 (विधि) दिनांक 26/08/2021, विभागीय पत्रांक 714 (विधि) दिनांक 29/08/2023 एवं झारखंड उच्च न्यायालय के WP(S) 4115 / 2021 के आदेशों एवं दिशा निर्देशों की अवहेलना है। अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो राज्य के वरीय शिक्षक कनीय से भी कनीय हो जायेंगें और कनीय शिक्षक वरीय हो जायेंगें।
सचिव महोदय ने मोर्चा द्वारा समर्पित पत्रांक 770 के सभी आपत्तिओं पर त्वरित रूप से संज्ञान लेते हुए शिक्षा अधिकारी श्री शिवेन्दु कुमार से दूरभाष पर बात कर दुर्गोत्सव के बाद बैठक बुलाने का आदेश दिये। उन्होंने मोर्चा के शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि पत्रांक 770 पर किये गये तमाम आपत्तिओं को बैठक के माध्यम से निराकरण कर लिया जायेगा। वार्ता में झारखंड अधिविद्ध परिषद के सचिव श्री सच्चिदानंद तिग्गा जी भी मौजूद थे।
मोर्चा के प्रदेश संयोजक अमीन अहमद एवं प्रवक्ता अरुण कुमार दास ने कहा कि राज्य के प्राथमिक शिक्षकों को उनके सेवा शर्तों के अनुरूप प्रत्येक वर्ष के दिसंबर माह में ग्रेडेशन लिस्ट एवं जिला रोस्टर तैयार कर अगले वर्ष के अप्रैल माह में शिक्षकों को प्रोन्नति देने का प्रावधान किया गया है परंतु विभाग विगत 30 वर्षों से प्रोन्नति के मामले में तरह-तरह के हथकंडे अपना कर शिक्षकों को प्रोन्नति से वंचित करते आ रही है परिणाम स्वरूप आज राज्य के तमाम विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन हो चले हैं जिसका प्रतिकूल प्रभाव राज्य के शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रही है, इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेवार राज्य का शिक्षा विभाग है न कि शिक्षक। विभाग के ऐसे तानाशाही रवैये से राज्य के तमाम सरकारी विद्यालय सिर्फ एक सरकारी सुलभ केंद्र बनता जा रहा है। भारतीय संविधान के तहत बच्चों के मूलभूत शिक्षा के अधिकार से सरकार कोई सरोकार नहीं है और न ही आर टी ई 2009 अधिनियम एवं देश के नई शिक्षा नीति 2020 सेसे ही क्योंकि उक्त आलोक में विद्यालय में छात्र अनुपात में शिक्षक एवं पर्याप्त भौतिक संसाधन की घोर कमी है। इस संदर्भ में मोर्चा विभाग को आगाह करते हुए शिक्षकों के सेवा शर्तों के अनुरूप नियमसम्मत अविलंब शिक्षकों को सभी ग्रेड में प्रोन्नति देते हुए प्रधानाध्यापक के पदों पर भी प्रोन्नति देने की मांग शिक्षा सचिव से की गई।
प्रदेश संयोजक अमीन अहमद, विजय बहादुर सिंह सहित मोर्चा के शिष्टमंडल में कृष्ण कुमार झा, मक़सूद ज़फ़र हादी, उदय कुमार, दया नन्द तिवारी, सुमेश कुमार् मिश्रा, राकेश श्रीवास्तव, मो० फखरूद्दीन, संजय कुमार, अजय कुमार, पंकज दुबे, संजय झा, ओम प्रकाश आदि शिक्षक मुख्य रूप से शामिल थे।

संलग्नक : आपत्ति पत्र की प्रति।

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