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कांके- रमजान का महीना अल्लाह तबारक व ताला की बड़ी अजीम नेमत है।इसकी कदर करनी चाहिए। इस महीने में वक्त को फ़िजूल जगहों पर बर्बाद नही कर इबादत में गुजरना चाहिए।लोगों को अपने गुनाहों से तौबा करना चाहिए। इस्लामी महीनों में रमजान का महीना बड़ी बरकत और रहमत वाला महीना बताया गया है। इस महीने की अहमियत व फजीलत कुरान और हदीस से साबित है।कुरान मजीद में अल्लाह ताला का इरशाद है ऐ ईमान वालों तुम पर रोजा फर्ज किए गए जिस तरह तुमसे पहले के उम्मतों पर फर्ज किए गए थे, ताकि तुम्हारे अंदर तक़वा पैदा हो। वहीं उन्होंने बताया कि इस महीने में लोगों को ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। गरीब यतीम लाचार लोगों को दिल खोलकर मदद करनी चाहिए।ताकि गरीब लोग भी अमीरों की तरह रोजा रखकर शाम में अपने बाल बच्चों के साथ बैठक अफ्तार कर सकें। इस महीने की सबसे अहम इबादत रोजा है।जिसका रखना फर्ज है।रोजा रखने वालों को अल्लाह अपने जन्नत में आला मुकाम आता करता है।नेकी में बढ़ोतरी कर दिया जाता है। इस पाक महीने में लोगों को बुराई से बच कर नेकी के कामों में हिस्सा लेना चाहिये। गाली गलौज झूठ और गीबत गुस्सा से बचते हुए रोजा रखने की जरूरत है। रोजा की हालत में अपनी जुबान को कंट्रोल में रखें। किसी को गाली ना दे किसी से लड़ाई झगड़ा ना करें झूठ ना बोले किसी की गिब्त ना करें क्योंकि यह सब बातें वह है जिसे रोजा का सवाब नहीं मिल पाता। अल्लाह के रसूल स. ने फरमाया जब रोज की हालत में कोई तुम्हें गाली दे या तुमसे कोई लड़ाई झगड़ा करना चाहे तो तुम कह दो कि मैं रोज से हूं। वहीं अंत में मजीबुल अंसारी ने लोगों से अपने प्यारे मुल्क हिंदुस्तान की अमन चैन खुशहाली भाईचारगी की दुआ मांगने की अपील किया है।