Saturday, October 5, 2024
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आईआईएम मुड़मा के मुख्य द्वार पर विस्थापितों का 6 सूत्री मांगों को लेकर धरना, अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी

धरना स्थल पर विस्थापितों ने प्रबंधन को दी चेतावनी, कहा- हम अपना हक मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते:- जहाना परवीन

विस्थापित परिवार समिति ने आईआईएम प्रबंधन को सौंपा मांग पत्र, भविष्य में और आंदोलन की चेतावनी

मुजफ्फर हुसैन, संवाददाता

राँची:- नगड़ी अंचल स्थित आईआईएम (मुड़मा) के मुख्य द्वार पर हटिया विस्थापित परिवार समिति ने रोजगार और अन्य मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। इस धरना की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष पंकज शाहदेव ने की और इसमें स्थानीय ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी की। प्रदर्शन के दौरान, विस्थापितों ने प्रबंधन समिति के निदेशक के नाम एक मांग पत्र प्रशासनिक सहायक अजय कुमार को सौंपा। धरना को संबोधित करते हुए, पंकज शाहदेव ने प्रबंधन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों का उचित समाधान नहीं निकाला गया, तो विस्थापित अनिश्चितकालीन धरना देने पर मजबूर होंगे।

उन्होंने कहा कि अगर विस्थापितों के साथ अन्याय जारी रहा, तो इसका गंभीर परिणाम होगा।झारखण्ड मुक्ति मोर्चा नेता कलाम आजाद ने कहा कि ग्रामीणों की जमीन छीन ली गई है, जिससे न तो खेती करने की जमीन बची है और न ही रोजगार के अवसर मिले हैं। उन्होंने भूखमरी की स्थिति की ओर इशारा करते हुए कहा कि संघर्ष अब अनिवार्य है। उत्तरी टुण्डुल पंचायत की मुखिया ममता तिर्की ने विस्थापितों की मांगों को पूरी तरह से जायज बताया और कहा कि वे हर हाल में अपने हक और अधिकार प्राप्त करेंगे।

उप मुखिया जहाना परवीन ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य में यदि और आंदोलनों की जरूरत पड़ी, तो वे अवश्य करेंगे, क्योंकि बिना संघर्ष के अधिकार प्राप्त नहीं होते। उन्होंने कहा कि विस्थापितों के साथ हो रहे अन्याय और उनके धैर्य के समाप्त होने के कारण, अब आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है। जहाना परवीन ने सभी संस्थानों को चेतावनी दी कि आईआईएम के गेट पर धरना देने से बाकी संस्थानों को यह नहीं समझना चाहिए कि वे स्वतंत्र हैं; विस्थापित अपने हक के लिए संघर्ष करते रहेंगे।उन्होंने धरना को हम अपना हक मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते के नारे के साथ समाप्त किया।

धरना में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में पूर्व पंचायत सचिव नरमी गाड़ी, विनय उरांव, हरिनाथ महतो, अख्तर हुसैन, सोमारी मुंडा और अन्य नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। धरना में सैकड़ों लोग शामिल थे, जिनमें बीजू महतो, अनिल महतो, विलियम पहन, राजेश उरांव, अर्जुन महतो, रोहित बैठा, रीता तिर्की, फूलों तिर्की, हेमा पीर, भानुमति देवी, शिल्पी मुंडा, राजू देवी, सुषमा देवी, तेतरी देवी, मरियम तिर्की, विश्वा तिर्की, शीला मुंडा, प्रीति गाड़ी, विनीता गाड़ी, जसवंती बाड़ा, अनीमोन मुंडा, पूनम कुमारी, पुष्पा मिन्ज, गुड़िया देवी, रेखा देवी, मुन्नी कच्छप, हीरा कच्छप, सुनीता देवी, पुष्पा देवी, देवकी देवी, अमरोज आलम, सुमन देवी, नीतू कक्ष, शीला टोप्पो, रानी देवी, बसंती उराईन, शिबन उराईन, मनोज बैठा, लाल धिरंजय नाथ शाहदेव, ऋषि सिंह देव, सरजू महतो, भूपेन उरांव, मोहम्मद मुख्तार अंसारी, एमडी सलीम, तनवीर आलम, पंचू महतो, संदीप लोहार, ममता गाड़ी, गोपाल गाड़ी, अनीशा लिंडा, विवेक तिर्की, प्रेम तिग्गा, संजू महतो, अनूप लिंडा, अर्शलान राजा आदि शामिल थे।

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