झारखंड विधानसभा चुनाव-2024: राष्ट्रीय जनता दल (महिला प्रकोष्ठ) की प्रदेश अध्यक्ष रानी कुमारी ने की रांची विस सीट से दावेदारी
रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 का बिगुल बज चुका है। चुनाव की तारीखों की घोषणा भी हो चुकी है। ऐसे में राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। यूपीए और एनडीए में शामिल घटक दलों में सीटों को लेकर अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं।
वहीं, रांची विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (महिला प्रकोष्ठ) की प्रदेश अध्यक्ष रानी कुमारी ने दावेदारी पेश की है।
रानी कुमारी ने बताया कि वह विगत तकरीबन तीन दशक से राष्ट्रीय जनता दल से जुड़ी हैं और पार्टी की नीतियों व सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाती रहीं हैं। समाज में व्याप्त कुरीतियां को दूर करने के उद्देश्य से नारी शक्ति सेना (गुलाबी गैंग) नामक गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन और प्रेरणा जागृति विकास मंच नामक स्वयंसेवी संस्था का गठन कर महिलाओं को समुचित सम्मान दिलाने और समाज सेवा के कार्यों को गति देने में जुटी हैं।
उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त कुप्रथाओं और अंधविश्वास के कारण सामाजिक विकास बाधित होता है।
सामाजिक विकास हेतु व्यापक जन जागरूकता की आवश्यकता है।
वह धार्मिक व आध्यात्मिक गतिविधियों और पर्व त्योहार के मौके पर बढ़-चढ़कर सहभागिता निभाती हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति में वह अपना आदर्श राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को मानती हैं।
जब वह रांची स्थित मारवाड़ी कॉलेज में पढ़ती थी, उस समय उनकी आयु लगभग 18 वर्ष थी।
25 जनवरी, 1990 को रांची शहर के व्यस्ततम चौराहे (अल्बर्ट एक्का चौक) पर लालू प्रसाद यादव का एक कार्यक्रम था।
रानी के कुछ करीबी राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं ने कॉलेज की युवतियों को लालू जी का स्वागत करने के लिए आमंत्रित किया। जिसका नेतृत्व रानी कुमारी को करने का अवसर प्राप्त हुआ। स्वागत समारोह का नेतृत्व करते हुए उन्होंने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई और एक
अलग पहचान स्थापित करने में सफल रहीं। लालू प्रसाद यादव ने उनकी सक्रियता व नेतृत्व क्षमता से प्रभावित होकर उन्हें व उनके साथ आई अन्य युवतियों को पटना आवास पर मिलने का आमंत्रण दिया।
कद्दावर राजनेता लालू जी से मिलने की उत्सुकता और उनके जज्बे और जुनून ने उन्हें राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया। वह कुछ सहेलियों संग पटना पहुंच गई और लालू प्रसाद यादव से मिलीं।
उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीति के प्रति उनका रुझान देखते हुए लालू प्रसाद यादव ने उन्हें तत्कालीन जनता दल की महिला कोषांग का संयोजक बनाया।
इस तरह वह जनता दल (वर्तमान में राजद) से जुड़ीं।
राजनीतिक-सामाजिक गतिविधियों के प्रति उनकी सक्रियता और सहभागिता को देखते हुए वर्ष 1993 में उन्हें बिहार राज्य खनिज विकास निगम के निदेशक पद की जिम्मेदारी दी गई। इसके अतिरिक्त वहां कंपनी सचिव के भी पद पर वह रहीं। वह वर्ष 1993 से 1994 तक रांची जिला निगरानी पर्षद की सदस्य रहीं।
वर्ष 1995 में, झारखंड अलग राज्य निर्माण
के लिए आंदोलन में शामिल रहीं। आंदोलनकारियों की महिला विंग का नेतृत्व करते हुए उन्होंने मोर्चा संभाला।
झारखंड राज्य स्वायतशासी परिषद (जैक) में पार्षद मनोनीत की गईं।
वर्ष 2001 से 2004 तक राजद की झारखंड प्रदेश महासचिव के पद पर भी रहीं।