इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश महासचिव शान उल हक में एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि में बरकट्ठा में मारे गए कोडरमा के मौलाना शहाबुद्दीन की मोबलिंचिंग कि घटना एक बार फिर मानवता को झकझोर कर रख दिया है, उन्हों ने कहा कि ऐसा लगता है कि क्या यह बीजेपी का पुराना शासन काल है जिसमें झारखंड में मोब लिंचिंग की घटनाएं आम हो गई थी।
मोब लिंचिंग में मारे गए मौलाना सहाबुद्दीन के लड़के से बात चीत कर पार्टी के प्रदेश महासचिव शानुल हक़ ने वर्तमान स्थित का जायजा लिया और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए।
उन्हों ने कहा, बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि बरकट्ठा प्रशासन के द्वारा इस मॉब लिंचिंग कि घटना को सड़क दुर्घटना का रूप देने की नाकाम कोशिश की जा रही है। यही कारण है कि अभी तक इस घटना में किसी को भी नामजद नहीं किया गया है ना हि किसी की गिरफ्तारी हुई है।
मुस्लिम लीग प्रशासन द्वारा दोषियों को बचाते हुवे रचे जा रहे इस षडयंत्र कि घोर निन्दा करते हुवे झारखंड सरकार से मांग करती है की घटना कि न्यायिक जांच करवाकर दोषियों को तुरंत सलाखों के पीछे भेजा जाए और बरही के रूपेश कुमार केस के तर्ज पर मृतक के परिवार को मुआवजा के साथ सरकारी नौकरी कि व्यवस्था कराए।
शान उल हक ने कहा की हमारी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग इस घटना के संबंध में अपने पार्टी के पांचो सांसदों को पत्र लिख कर घटना के संबंध में संपूर्ण जानकारी देंगे।
प्रदेश महासचिव ने कहा कि हमारी पार्टी पीड़ित परिवार को कानूनी मदद मुहैया कराएगी ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाई जा सके।
शान उल हक
प्रदेश महासचिव
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग झारखंड।