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मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा सरकारी स्कूलों की तरह निजी स्कूलों को भी सुविधा मिले

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राज्य के 890 शिक्षकों को पासवा ने किया सम्मानित

शिक्षकों की महत्ता समाज के लिए अनमोल: मसूद कच्छी

रांची : राज्य के 890 शिक्षकों को आज पासवा ने सम्मानित किया। प्राइवेट स्कूलस एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित 12 वां शिक्षक सम्मान समारोह एसडीसी सभागार में एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसका उद्घाटन श्रम मंत्री झारखंड सरकार श्री सत्यानंद भोक्ता, राजेश सिंह सन्नी राष्ट्रीय सचिव युवा कांग्रेस, निशा भगत उपाध्यक्ष पासवा एवं संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद, मुमताज आलम, वर्किंग अध्यक्ष मास्टर उस्मान, महासचिव मसूद कच्छी
ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। सभी अतिथियों का स्वागत स्वागत गान के साथ सिटी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने किया।

इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में झारखंड के 24 जिलों के लगभग 50 से ज्यादा स्कूल के 890 शिक्षकों को शिक्षा और समाज में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का जश्न मनाने वाला यह कार्यक्रम राज्य भर के शिक्षकों के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण था। इसने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से झारखंड के भविष्य को आकार देने में उनके अथक प्रयासों को स्वीकार करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।

कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता एवं श्रम, निबंधन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपने भाषण में सभा में उपस्थित झारखण्ड के कोने कोने से आए हुए शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा की निजी विद्यालयों के उत्कृष्ट कार्य बिलकुल नही भुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा की निजी विद्यालयों की जो भी समस्या है उसे दूर किया जाएगा और सरकारी स्कूल की सुविधा निजी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को भी मिले यह मेरा प्रयास रहेगा। आज जो झारखण्ड की शिक्षा बेहतर है उसमे निजी विद्यालयो का भी रोल है। उन्होंने कहा की पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने बिहार/झारखण्ड के निजी विद्यालयों का एक मजबूत संगठन बनाया है। जो सराहनीय है और इनके माध्यम से विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है जो और भी सराहनीय है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष, सैयद शमायल अहमद ने शिक्षक समुदाय के लिए अनुग्रह और प्रशंसा के साथ कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में कहा की हम मंत्री जी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री से मांग करते हैं की पिछले सरकार ने जो निजी स्कूलों को जमीन की बाध्यता लगाई है उसे खत्म किया जाए। निजी स्कूलों को अगर जमीन की बाध्यता खत्म न किया गया तो शिक्षा जगत में गिरावट आजाएगी। शिक्षक ज्ञान और मूल्यों के पथप्रदर्शक होते हैं। शिक्षा प्रदान करने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता समाज में प्रगति की आधारशिला है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजेश सिन्हा सुन्नी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा के प्रतिवर्ष इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को शिक्षा जगत में किए गए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सराहा एवं सम्मानित करने के लिए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद को बहुत-बहुत बधाई दी एवं उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की। पासवा के राज्य महासचिव मसूद कच्छी ने अपने संबोधन में मुख्यातिथि, विष्टि अतिथि का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हमारी संस्था पासवा निजी स्कूलों के शिक्षको को सम्मान देने का कार्य करती है।

शिक्षक एक समाज का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति होता है जो विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में शिक्षा देता है। वे शिक्षा के मूल अध्यापन के साथ-साथ विद्यार्थियों के विकास को ध्यान में रखते हुए उन्हें समझाने और स्पष्ट करने में मदद करते हैं। शिक्षकों की महत्ता समाज के लिए अनमोल है। इनके अलावा तौफीक हुसैन, बीएनपी बरनवाल,प्रदीप कुमार, मुमताज आलम, गौतम, ग्यासुद्दीन, हुसैन अंसारी, साबिर हुसैन, मो उस्मान, अंसारुल्लाह, अरविंद कुमार, महताब अंसारी, मो अर्श ने भी संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन पासवा के राज्य अध्यक्ष मो उस्मान ने किया। नेशनल एंथम के साथ कार्यक्रम का स्मापन्न हुआ।

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