Saturday, July 27, 2024
Jharkhand News

अल्पसंख्याक आयोग, मदरसा बोर्ड, वक्फ बोर्ड का गठन नहीं होने से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी

 

झारखंड में राज्य कर रही सरकार को मुँह तोड़ जवाब देने की तैयारी  में अल्पसंख्यक

रांची ( गुलाम शाहिद) :झारखंड में लंबे इंतजार के बाद बोर्ड, निगम और आयोगों में खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। हाल ही में हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड और राज्य आवास बोर्ड के लिए अध्यक्ष और सदस्यों के नामों की घोषणा हुई है। कुछ महीने पहले झारखंड बाल संरक्षण आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हुई थी। हेमंत सोरेन की सरकार ने तकरीबन साढ़े तीन साल बाद बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों की पहल की है।
झारखंड में गोवंश रक्षा के लिए झारखण्ड गौ सेवा आयोग अधिनियम-2005 (झारखण्ड अधिनियम 02, 2006) की धारा-3 का प्रयोग करते हुए झारखण्ड सरकार द्वारा श्री राजीव रंजन प्रसाद को झारखण्ड गो सेवा आयोग का “अध्यक्ष मनोनित किया गया है l 
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार मुसलमानो की शैक्षिक, आर्थिक,समाजिक स्थिती बद से बत्तर है इस के बावजूद अल्पसंख्यक आयोग, मदरसा बोर्ड, वक्फ बोर्ड का गठन अब तक नहीं हुआ है और सेकुलर सरकार गौ सेवा आयोग का गठन कर रही है जो अल्पसंख्यकों के मुंह में जोरदार तरीके से तमाचा हैl हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से ही बोर्ड और आयोग गठन की मांग उठती रही है, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। हेमंत सोरेन सरकार का करीब आधा कार्यकाल बीत चुका है।  मुसलामानों ने कई बार इसके लिए सरकार पर दबाव भी बनाया था, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अंतत: अब तक बोर्ड और आयोग का गठन ठंडे बस्ते में है। मुसलमानों के कई नेता हेमंत सरकार की ओर मुंह लटकाए देख रहे हैं। कई नेताओं का तो यह भी कहना है कि जब सरकार अंतिम वर्ष में प्रवेश करेगी तो आयोग और बोर्ड की जिम्मेदारी देकर असंतुष्टों को संतुष्ट करने की कवायद शुरू होगी। लेकिन इसका क्या फायदा, अगर सरकार बदल गई तो उनकी भी छुट्टी हो जाएगी।
यह सिर्फ अकलियत समाज को ठगने का काम कर रही है. उसके वोट बैंक का उपयोग कर पूरे समाज को छला जा रहा है लेकिन आने वाले चुनाव में झारखंड के अल्पसंख्यक समाज सचेत हो चुका है और वर्तमान में झारखंड में राज कर रही झामुमो, राजद और कांग्रेस की सरकार को झारखंड की जनता मुहतोड़ जवाब देने का काम करेगी.

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