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रांची : रमजान को नेकियों का मौसम कहा जाता है। इस महीने में मुस्लिम धर्म के अनुयायी अल्लाह की इबादत यानी उपासना करते हैं। अपने परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए उपासना के साथ, कुरान की तिलावत और दान धर्म करते हैं। नमाज पढ़ते हैं और रोजा रखते हैं। ये उपवास अल्लाह के प्रति आस्था का प्रतीक है। रमजान इबादत का महीना है। इस दौरान हम अल्लाह के लिए भूखे रहते हैं। ये हमारा इम्तिहान होता है।
यह महीना हमदर्दी का है। इस महीने में हर रोजेदार को भूखे की भूख और प्यासे की प्यास का एहसास होता है। उसे पता चलता है कि दुनिया के जिन लोगों को गरीबी की वजह से फाके होते हैं, उन पर क्या बीतती होगी। रोजे से आदमी में इंसानियत के प्रति हमदर्दी का जज्बा पैदा होता है। इस महीने में नेकी, हमदर्दी, सहयोग और भाईचारे का एहसास होता है। गरीब और अमीर को एक-दूसरे की भावनाओं को समझने का मौका मिलता है। रमजान के पाक महीने में रोजेदार छोटी-छोटी बुराइयों से बचने की कोशिश करता है और कमजोर लोगों की बेहतरी के लिए कोशिश करता है। प्रख्यात समाजसेवी सह निदेशक एजेड बैंस सर्विसेज मो इरशाद।