All India NewsJharkhand NewsRanchi JharkhandRanchi Jharkhand NewsRanchi News

हिमाचल प्रदेश के मत्स्य निदेशालय के अधिकारियों ने केज कल्चर व पर्ल उत्पादन का लिया जायजा

Share the post

डीएफएमटी मद से खनन प्रभावित क्षेत्र का होगा विकास

*परित्यक्त जल क्षेत्रों में मत्स्यपालन से बढ़ेगी आर्थिक समृद्धि: विवेक चंदेल

हजारीबाग। मत्स्य विभाग की ओर से जिले के बरही प्रखंड के बुंडू में संचालित केज कल्चर परियोजना का निरीक्षण हिमाचल प्रदेश के निदेशक (मत्स्य) विवेक चंदेल ने किया। उनके साथ सहायक निदेशक मत्स्य विवेक शर्मा, बरही अनुमंडल पदाधिकारी जोहन टुडू,जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार, मुख्य अनुदेशक डॉ. प्रशांत कुमार दीपक, मत्स्य कृषक एवं उनके सहयोगी और अन्य अधिकारी व किसान उपस्थित रहे।


गौरतलब है कि यह परियोजना राज्य योजना और डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) फंड के तहत संचालित की जा रही है। इस परियोजना का उद्देश्य जलक्षेत्रों का उपयोग करके मछली उत्पादन बढ़ाना और स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
निरीक्षण के मुख्य बिंदु
निदेशक ने केज कल्चर की प्रक्रिया, रखरखाव, संचालन, और मछलियों के विपणन (बिक्री) से संबंधित व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।


परियोजना से जुड़े किसानों के साथ संवाद किया गया और उनके अनुभवों व सुझावों को सुना।

निदेशक ने इस परियोजना की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों में लागू करने के लिए मॉडल परियोजना के रूप में प्रस्तुत करने की बात कही।
*परियोजना के तहत संचालित योजनाएं

यह परियोजना राज्य सरकार की योजना और डीएमएफटी फंड के तहत संचालित है।
राज्य प्रायोजित योजना: जलक्षेत्रों के बेहतर उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
उपायुक्त नैंसी सहाय के प्रयास से डीएमएफटी मद द्वारा खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए परित्यक्त जलक्षेत्रों को उत्पादक संसाधनों में परिवर्तित करने का कार्य कर रही है।
परियोजना के लाभ

मछली उत्पादन में वृद्धि: केज कल्चर के माध्यम से जलक्षेत्रों का अधिकतम उपयोग हो रहा है।
इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। मत्स्यपालन से किसानों और युवाओं को रोजगार और आय के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

वहीं, आत्मनिर्भरता: किसानों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उन्हें मछली का उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
पर्यावरण अनुकूल विकास परित्यक्त जलक्षेत्रों को उपयोग में लाकर सतत विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बाक्स:
*रोजगार सृजन का सशक्त साधन है बंद पड़े खदानों के जल क्षेत्रों में मत्स्यपालन: विवेक चंदेल

हिमाचल प्रदेश के निदेशक मत्स्य, विवेक चंदेल ने कहा कि यह परियोजना के तहत जलक्षेत्रों के प्रभावी उपयोग और रोजगार सृजन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने इसे अन्य राज्यों में लागू करने की सलाह दी और स्थानीय किसानों की भागीदारी की सराहना की। यह परियोजना हजारीबाग जिले में राज्य योजना और डीएमएफटी योजना के सफल क्रियान्वयन का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

Leave a Response