राज्यपाल से मिलकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की मांग की


राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल से कहा यही ज्ञापन मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति महोदया को भी भेजें
रांची: इंडियन रिपब्लिकन डेमोक्रेटिक काउंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल आज 25 दिसंबर 2024 को सुबह दस बजे झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से राजभवन में मुलाक़ात की। और राज्यपाल को काउंसिल ने एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल्ला अज़हर कासमी, कारी जान मोहम्मद मुस्तफी, मौलाना तौफीक कादरी, आलोक कुमार सिंह, मो इम्तियाज शामिल है। ज्ञापन में लिखा है कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे गंभीर अत्याचार और उनके संवैधानिक एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। हाल ही में, बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के पश्चात, वहां के अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार और हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है। यह घटनाएं न केवल अमानवीय और संवैधानिक अधिकारों का हनन हैं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए खतरा भी उत्पन्न कर रही हैं। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उनके धार्मिक स्थलों, संपत्तियों और जीवन के मौलिक अधिकारों पर भी हमला हो रहा है। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और एक सभ्य समाज के मूल्यों के खिलाफ है। भारत, एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित देश होने के नाते, बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने का कर्तव्य रखता है। इस संबंध में, मैं आपका ध्यान निम्नलिखित बिंदुओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूं।
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा न केवल उनके धार्मिक अधिकारों का हनन है, बल्कि यह मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन है।
- अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने की आवश्यकता है।
- यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह पड़ोसी देशों में हो रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकाले। और
- इस गंभीर विषय पर विचार करते हुए, माननीय राष्ट्रपति महोदय एवं माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखें।
- बांग्लादेश सरकार पर कूटनीतिक दबाव बनाने का अनुरोध करें, ताकि वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ भारत एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज बुलंद करे।
ज्ञापन को पढ़कर राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि यह ज्ञापन आप अपने स्तर से भी मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति महोदया को भेजें। ये सराहनीय क़दम है, देश की गंगा जमनी तहजीब को इससे बल मिलेगा। जिसपर राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर ने कहा कि हम यह ज्ञापन को जरूर भेजेंगे। मुफ्ती साहब ने राज्यपाल का शुक्रिया अदा किया।
