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इमामे हुसैन का जिक्र इसलिए करें की जमाने से कह सकें की हम हुसैनी हैं: मौलाना तहजीब

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रांची: इमामे हुसैन का जिक्र इसलिए करें कि कम से कम जमाने से यह कह सके कि हम हुसैनी हैं। वो हुसैन जिसने कर्बला में अपने नाना के दीन(मजहब इस्लाम) को बचाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। वो हुसैन जिसने अपनी जान देकर नमाज को बचाया। वो हुसैन जिसने अपनी जान देकर दीन इस्लाम को बचाया। वो हुसैन जिसने अपने 72 साथियों को लेकर हजारों लश्कर पर भारी पड़ गया। वो हुसैन जिसने अल्लाह की रजा के लिए सजदे की हालत में शहीद हो गए।

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 उक्त बातें ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के चेयरमैन सह मस्जिद जाफरिया रांची के इमाम व खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीब उल हसन रिजवी ने कही। वह रविवार को चौथी मोहर्रम के अवसर पर शहर के मकबूल समाजसेवी शाहरुख रिजवी के कांके आवास पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मौलाना तहजीब ने आगे कहा कि पूरी कायनात जिसकी नाज बरदारी करे उसे मोहम्मद कहा जाता है और जिसकी मोहम्मद नाज बरदारी करें उसे इमाम हुसैन कहा जाता है। आज जरूरत है दुनिया को बताने के लिए की मआविया के बेटे का किरदार क्या था और अबू तालिब के पोते का किरदार किया था। हम यह कहते हैं कि कोई भी मुसलमान हजरत इमाम हुसैन की अजमत का इनकार नहीं कर सकता। अगर वह करता है तो मुसलमान नहीं हो सकता। मौलाना ने आगे कहा के हमारा इख्तेलाफ कोई भी मुसलमान से नहीं। उससे है जो यजीदी नजरिया के हैं। जो यजीदी वाले काम करते हैं। आज मुसलमान यह तय कर ले कि हम इमाम हुसैन के साथ हैं, या यजीद के साथ। मामला पूरा क्लियर हो जाएगा। नमाज अल्लाह की इबादत है। पैग़ंबरे इस्लाम की आंखों की ठंडक नमाज़ है। लेकिन जरा देखिए तो कि पैगंबर मोहम्मद ने नमाज को लंबी, सजदे को लंबी किसके लिए किया। इमामे हुसैन ने यजीद से कहा कि, मुझ जैसा तुझ जैसे से बैय्यत नहीं कर सकता। यानी सच और झूठ एक साथ नहीं हो सकती, अंधेरा और उजाला एक साथ नहीं रह सकती। मजलिस में आए हुए सभी लोगों का स्वागत शाहरुख रिजवी ने किया। मजलिस की शुरुआत मौलाना बाकर राजा दानिश के तिलावते कुरान से हुआ। मौके पर इकबाल हुसैन, सैयद फराज अब्बास, शाहरुख रिजवी, जीशान हैदर, नूरी मस्जिद के इमाम मौलाना जैनुल आबिदीन, मौलाना सईद अहसन, अमोद अब्बास, डॉक्टर शमीम हैदर, डॉक्टर मुबारक अब्बास, जावेद हैदर, अली हसन फातमी, अशरफ हुसैन, समेत सैंकड़ों लोग थे।

*मुहर्रम पर मुख्य कार्यक्रम*

*27* जुलाई 2023 दिन गुरुवार को मस्जिद जाफरिया होते हुए विक्रांत चौक, चर्च रोड, डॉक्टर फातेहुल्लाह रोड होते हुए वापस मस्जिद जाफरिया पहुंचेगी। 
*28* जुलाई दिन शुक्रवार को अनवर आर्केड से विश्वास मंदिर,  अंजुमन पलाज़ा, डॉक्टर फातेहुल्लाह रोड होते हुए मस्जिद में सम्पन्न होगी। अनवर आर्केड में मजलिस 9 बजे होगी। 
*29* जुलाई 23 को यानी 10 मुहर्रम को मस्जिद जाफरिया से दोपहर 1:30 बजे निकलेगी। जो चर्च रोड,  मंदिर पुरानी उर्दू जुन तपाला रोड, डेली मार्केट, टैक्सी स्टैंड, अंजुमन पलाज़ा, फातेहुल्ला रोड, विक्रांत चौक, कर्बला चौक स्तिथ कर्बला पहुंच कर संपन्न होगी। डेली मार्केट, अंजुमन पलाज़ा, कर्बला चौक में खूनी व जंजीरी मातम होगा। कार्यक्रम की जानकारी सैयद फ़राज़ अब्बास ने दी है।

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