स्कूली बच्चों के जान-माल की सुरक्षा के लिए सीआरआरआई और आइआरसी की पहल सराहनीय : तुषार कांति शीट
रांची। जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता व ‘श्रीरामकृष्ण सेवा संघ’ के सहायक सचिव तुषार कांति शीट ने स्कूली बच्चों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान(सीआरआरआई) और भारतीय रोड कांग्रेस(आईआरसी) द्वारा की गई संयुक्त पहल की सराहना की है। श्री शीट ने कहा है कि स्कूल के आसपास के यातायात प्रबंधन के बुनियादी ढांचे को विकसित कर स्कूलों को सुरक्षित जोन बनाने के लिए सीआरआरआई और आइआरसी द्वारा मॉडल तैयार किया जाना स्वागत योग्य कदम है। इस योजना के सफलीभूत होने पर काफी हद तक स्कूली बच्चों के जान-माल की सुरक्षा संभव हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि इसके तहत मुख्य मार्गों पर स्थित स्कूलों के आसपास अलग-अलग प्रकार के जेब्रा क्रॉसिंग, अधिकतम गति सीमा का निर्धारण के साथ स्पष्ट दिखने वाले सूचक बोर्ड आदि लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार के निकाय आइआरसी के निर्देशानुसार देश के सभी राज्यों के लिए अलग-अलग भाषाओं में उक्त संकेत जारी होंगे। इससे स्कूलों को सुरक्षित जोन में परिवर्तित किया जा सकेगा।
स्कूली बच्चों की सुरक्षा के उपाय के लिए आइआरसी द्वारा कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार स्कूल जोन के भीतर जेब्रा क्रॉसिंग को सफेद और लाल रंग से चिन्हित किया जाएगा। वह सामान्य क्रॉसिंग से अधिक विस्तार के साथ होगा, ताकि वाहन चालकों को दूर से ही सुरक्षित जोन होने की जानकारी मिल सके। वहीं,सड़क की सतह पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘स्कूल’ शब्द लिखना भी आवश्यक किया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी,नगर निगम सहित अन्य सड़क स्वामित्व एजेंसियों को सड़कों पर और खासकर स्कूल क्षेत्र में जेब्रा क्रॉसिंग के साथ ब्रेकर का निर्माण करना भी शामिल है।
वहीं, स्कूल प्रबंधन को स्कूल परिसर से सड़कों तक उचित निकास सुनिश्चित करना होगा। स्कूल बस के लिए वहां की स्थिति के साथ-साथ ड्राइवर की फिटनेस से संबंधित नियमित जांच भी सुनिश्चित करनी होगी। स्कूल जोन के लिए मुख्य सड़कों पर 25 व अंदरूनी सड़कों पर 20 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति सीमा निर्धारित की गई है।
श्री शीट ने कहा कि यह पहल स्कूल जोन क्षेत्र को सुरक्षित बनाने में काफी मददगार साबित होगा।
इसके लिए श्री शीट ने सीआरआरआई और आइआरसी के प्रति आभार व्यक्त किया।