Thursday, October 10, 2024
Ranchi Jharkhand News

प्राकतिक महा पर्व सरहुल मेला महोत्सव चकला में सैकड़ों लोगों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर खूब थिरके

झारखंड प्रदेश आदिवासी पड़हा सरना समिति मुन्ना पतरा चकला ने धूमधाम से मनाया गया सरहूल पर्व

ओरमांझी(मोहसीन)-

झारखंड प्रदेश आदिवासी पड़हा सरना समिति मुन्ना पतरा चकला ओरमांझी के बैनर तले शनिवार को मुन्ना पतरा चकला में प्राकतिक महापर्व सरहूल मेला सह सरहूल मिलन समारोह कार्यक्रम का भव्य आयोजन धूमधाम से किया गया ।इस दौरान सरना स्थल पर सरहुल पर्व की पारंपरिक रूप से पूजा पाठ पूरे विधि विधान से की गई। जिसका का नेतृत्व मेला समिति के अध्यक्ष कुच्चु पंचायत के पूर्व मुखिया समंदर पाहन कर रहे थें। सरहुल मिलन समारोह में 35 से अधिक गांवों के लोग आदिवासी वेश भूषा में शोभायात्रा लेकर मेला में पहुंचे थे। इस दौरान शोभा यात्रा में कई तरह की झांकियां देखने को मिला जिसमें चकला गांव के झांकी में प्राकृतिक संपदा से छेड़छाड़ के नुकसान और विस्थापन को दर्शाने की भरपूर कोशिश किया गया था। मिलन समारोह में 15 हजार से अधिक लोग शामिल थे। मेला में 100 से अधिक दुकान में सजी हुई थी जहां लोगों ने खूब खरीदारी की। भीड़ भाड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तेदी के साथ मेला परिसर में डटे हुए थे।पाहन राजा दिल रंजन पाहन द्वारा सरना स्थल पर राज्य की सुख शांति और समृद्धि के लिये रँगवा मुर्गा की बली दी गई। और भविष्यवाणी की गई की इस वर्ष राज्य में सामान्य बारिश होगी जिससे खेती-बाड़ी बेहतर होगी। मौके पर अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता देकर व पगड़ी बांधकर किया गया। विभिन्न गांव से पैदल ढोल नगाड़ा बजाते हुए नृत्य मंडलियों के लोग ढोल नगाड़ों की थाप पर मिलन समारोह में खूब थिरके। मुन्ना पत्र में लगने वाले सरहुल मेला में झारखंड के कोने-कोने से लोग पहुंचते थे और धूमधाम से सरहुल मेला का आनंद लिया।मौके पर विधायक राजेश कच्छप कहा कि सरहुल महापर्व प्रकृति के प्रति प्रेम शांति हरियाली खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है इसे पूरे भारतवर्ष में ही नहीं बल्कि विश्व में निवास करने वाले लाखों करोड़ों आदिवासी विभिन्न प्रकार से मनाते हैं झारखंड में बसंत उत्सव के रूप में इस पर्व को कई दिनों से मनाया जाता है। वहीं राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू ने कहा की सरहुल प्राकृतिक से जुड़ा पर्व है हमें प्राकृतिक की रक्षा के लिए आगे आना होगा। वहीं पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि आदिवासी प्राकृतिक के रक्षा के के रूप में जाने जाते हैं जल जंगल जमीन की रक्षा सभी के दायित्व है सभी लोगों को संगठित रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय जिला परिषद सदस्य कमिश्नर मुंडा जिला परिषद सदस्य पूर्वी सरिता देवी उप प्रमुख रिजवान अंसारी , रणधीर चौधरी, चन्दरा पंचायत की मुखिया सीमा तिर्की, बालक पाहन, टुंडा हुली पंचायत की पंचायत समिति सदस्य रीना देवी रश्मि रेखा मुंडा भीम मुंडा विनीता कुजूर अफताब आलम बालक रहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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