मोती पालन पर मत्स्य पालकों को दिया गया प्रशिक्षण


चाईबासा। कोकचो पंचायत, तातनगर प्रखंड में पूर्ति एग्रोटेक के सौजन्य से मोती पालन के प्रशिक्षण में संबोधित करते हुए निदेशक मत्स्य, डॉ एचएन द्विवेदी ने कहा कि मत्स्य कृषकों की आमदनी बढ़ाने में मोती पालन काफी सहायक साबित है होगा। इस अवसर पर
जवाहर बोपाराई, जिला पार्षद, मनिला देवगम, मुखिया, शिवशंकर कंडेग, टाटा फाउंडेशन सहित पश्चिम सिंहभूम के 30 मत्स्य कृषक उपस्थित थे। पहली बार मत्स्य कृषकों को मोती पालन पर प्रशिक्षण दिया गया।

जवाहर बोपाराई,जिला पार्षद सदस्य ने संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से लोगों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना मिलेगा। किसान कृषि और पशुपालन अपने लिए ही नहीं परन्तु दूसरों के लिए भी करते हैं। मोती पालन एक नया काम है, इसे मछली पालन के साथ-साथ किया जा सकता है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा तालाब बनवाया जाए, पानी की व्यवस्था की जाए, इन सब के लिए पार्षद द्वारा सहयोग करने का आश्वासन दिया गया। निदेशक मत्स्य ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिनके पास तालाब है, वे शीध्र मत्स्य बीज उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं तथा स्पान, मैश फीड तथा जाल का लाभ तुरंत प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्थान अभियान से सभी को जुड़ने का आह्वान किया तथा नब्बे प्रतिशत अनुदान पर ज्यादा से ज्यादा तालाब निर्माण करवाने का अनुरोध किया। गर्मी में जलसंकट को देखते हुए जल संरक्षण हेतु ज्यादा से ज्यादा तालाब बनाकर भूगर्भ जल को रिचार्ज किया जा सकता है। साथ ही कृषि, उद्यानिकी के साथ-साथ मछलीपालन एवं मोती पालन भी किया जा सकता है। टाटा फाउंडेशन के शिवशंकर कंडेग ने बताया कि टाटा के तरफ से भी छोटे छोटे तालाब बनाए जा रहे हैं, जिनका उपयोग मछलीपालन हेतु किया जा सकता है। इस प्रशिक्षण का शुभारंभ नवीन कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, प. सिंहभूम के द्वारा किया गया तथा समापन डा.एच एन द्विवेदी, निदेशक मत्स्य द्वारा किया गया। इस अवसर पर संत जेवियर कालेज के प्राणी विज्ञान प्राध्यापक डा रितेश शुक्ला, जीनत फातिमा, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मुख्य अनुदेशक, उपस्थित थे। प्रशिक्षण का संचालन पूर्ति एग्रोटेक के मुख्य कार्यकारी बुधन सिंह पूर्ति प्रगतिशील मोती पालक के द्वारा किया गया। समारोह को सफल बनाने में विश्वनाथ तामसोय का महत्व पूर्ण योगदान रहा।
