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पैसे के आभाव में अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने खोया अपना बेटा, 20 माह से वेतन का कर रहे हैं इंतजार

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मेरा मासूम बेटा बीमारी के वजह से नहीं मरा, विवि एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मिल कर निर्मम हत्या किया है: रश्मि (अरविंद की पत्नी)

विवि प्रशासन की निष्ठुर हृदयहीनता के कारण हुई दुखद घटना| राँची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों को विगत 20 माह से वेतन न मिलने की समस्या गंभीर और हृदयविदारक रूप ले चुकी है। इस आर्थिक संकट ने शिक्षकों और उनके परिवारों के जीवन पर गंभीर असर डाला है।
आज की सुबह रामलखन सिंह यादव कॉलेज में कार्यरत अतिथि शिक्षक और अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्री अरविंद प्रसाद के अल्पायु पुत्र का दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो गया। वेतन के अभाव में श्री प्रसाद अपने बच्चे का इलाज नहीं करा पाए। यह घटना शिक्षा व्यवस्था और मानवता के लिए एक गहरी क्षति है। अतिथि शिक्षक संघ ने इस दुखद घटना के लिए रांची विश्वविद्यालय के कुलपति समेत पूरे विवि प्रशासन को पूरी तरह से दोषी ठहराया है। 20 माह से वेतन न मिलने की समस्या को बार-बार उठाने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकाला गया। राज्य सरकार एवं उच्च न्यायलय के स्पष्ट दिशानिर्देश मिलने के बाद भी विवि प्रशासन की आपराधिक लापरवाही बरती, और अतिथि शिक्षकों को बकाया मानदेय तो नहीं ही दिया, उल्टे अतिथि शिक्षकों को नौकरी से ही हटा दिया।

बताते चलें कि रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत लगभग 125 अतिथि शिक्षक 2017 से सेवा दे रहे हैं। पिछले दिनों कैबिनेट मीटिंग का हवाला देते हुए अतिथि शिक्षकों को विश्वविद्यालय में सेवा देने से रोक दिया गया तथा इनके लंबित मानदेय का भुगतान भी नहीं किया गया। अतिथि शिक्षकों ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अर्जी लगाई । माननीय उच्च न्यायालय ने इनकी बर्खास्तगी पर रोक लगाते हुए अगले आदेश तक इनकी सेवा यथावत रखने तथा जल्द से जल्द लंबित मानदेय के भुगतान का आदेश दिया था बावजूद इसके कोर्ट की अवमानना करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी सेवा समाप्त कर दी और राशि का भी भुगतान नहीं किया। मानदेय न मिलने के कारण वे अपने पुत्र का समुचित इलाज नहीं करा पाए और यह हृदयविदारक घटना घटी। इससे पूर्व भी इलाज के अभाव में डोरंडा कॉलेज के उर्दू विभान की अतिथि शिक्षक तसनीमा परवीन का देहांत हो चुका है।
अतिथि शिक्षक संघ का कहना है कि यह दुखद घटना प्रशासन की असंवेदनशीलता और उपेक्षा का परिणाम है। अतिथि शिक्षक संघ ने अपील की है कि राज्य सरकार और उच्च शिक्षा विभाग इस मामले का तुरंत संज्ञान लें और प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा प्रदान करें, साथ ही इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जिम्मेदारी तय की जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।
अतिथि शिक्षक संघ ने यह भी मांग की है कि विवि प्रशासन अतिथि शिक्षकों का बकाया वेतन अविलंब जारी करे, साथ ही साथ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ की जा रही अनदेखी को समाप्त किया जाए।
अतिथि शिक्षक संघ ने यह भी घोषणा की है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन के कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे। राँची विवि में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों ने अपने अध्यक्ष के इस दुख की घड़ी में गहरा शोक व्यक्त करते हुए अपना आक्रोश विवि एवं उच्च शिक्षा के अधिकारियों के प्रति अपना रोष प्रकट किया है।

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