हज़ार रातों से अफज़ल है शबे कद्र की रात
हज़ार रातों से अफज़ल है शबे कद्र की रात
रांची: रमजान उल मुबारक महीने का लगभग आधा हिस्सा गुजर चुका है। हम मुसलमानों को चाहिए कि इस गुजरे हुए हिस्से की जिस तरह से कद्र करनी चाहिए हमने नहीं किया। लेकिन अब लगभग आधे बचे हुए हिस्से को हम सबको कद्र करनी चाहिए। हम सबको रोजा, नमाज, तरावीह, जकात, कुरान की तिलावत, सदका, जिस तरह से कुरान पाक मैं हुक्म है करने का उस तरह से करनी चाहिए। और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी और दुआ करनी चाहिए अल्लाह पाक इस रमजान के बचे हुए हिस्से को कद्र करने वाला बनाएं। हम अल्लाह पाक के तरफ मुड़े। इस माहे मुबारक में एतेकाफ की भी बड़ी अहमियत है। साथ ही शबे कद्र की रात आने वाली है। जिसके बारे में पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद ने फरमाया शबे कद्र की यह रात हजार रातों से अफजल है। शबे कद्र की रात 21, 23, 25, 27, 29 को है। अल्लाह पाक हम सबको रमजान और शबे कद्र की रात की कद्र करने वाला बनाएं।
मौलाना अब्दुल कय्यूम क़ासमी
महासचिव जमीयत उलेमा जिला रांची, झारखंड

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