Saturday, July 27, 2024
Jharkhand News

देश में पिछड़े मुसलमान राजनीतिक शोषण के शिकार: मुफ़्ती अब्दुल्ला अज़हर कासमी

मुस्लिम राजनेताओं ने भी दोहरी नीति का खेल खेला और पिछड़े मुसलमानों को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

रांची: पिछड़ा मुस्लिम महासंघ के संयोजक मुफ्ती अब्दुल्ला अज़हर कासमी ने अपने प्रेस बयान में कहा कि आजाद भारत में पिछड़े मुसलमान शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक शोषण का शिकार हैं। भारत को आज़ाद हुए 76 साल हो गए हैं, लेकिन राजनीतिक प्रतिनिधियों ने जानबूझकर इस समाज पर ध्यान नहीं दिया। जबकि मुस्लिम समाज के 85 प्रतिशत मुसलमान विकास के मार्ग से वंचित होता गया। ताकि यह बड़ी जमात को गरीबी में जीने पर मजबूर कर दिया जाए। लोकतांत्रिक देश में वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाए। पिछड़े मुस्लिम राजनेताओं की राजनीतिक रणनीति को समझने में बहुत देर हो गई और मुस्लिम राजनेता भी दोहरी नीति अपना रहे हैं। कमजोर वर्ग को हिस्सेदारी देने के लिए संविधान में आरक्षण दिया गया है। देश में एसटी, एससी और अन्य वर्गों को आरक्षण दिया गया है और इसी के चलते ये पार्टियां हर पद पर रहकर देश के विकास के लिए बेहतर काम कर रही हैं। पिछड़े मुस्लमान देश की आजादी के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया है। डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी, शहीद शेख भिकारी, मियां बत्तख अंसारी जैसे हजारों लोगों ने देश की मिट्टी और लोगों के लिए योगदान दिया है। लेकिन आज उनके वंशज भारत में भीख का कटोरा लेकर दर बद्र की ठोकरें खा रहे हैं। मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी ने अपने बयान में कहा कि 341 में साजिश के तहत मुस्लिम धर्म को शामिल कर के मुख्यधारा से हटाने की साजिश रची गई थी। यही कारण है कि देश में पिछड़े मुसलमानों को देश के पिछड़े भाइयों की तरह आरक्षण नहीं दिया गया। अब्दुल्ला अज़हर कासमी ने अपने संदेश में कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछड़े मुसलमानों की वकालत की और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की बात कही है। इसके लिए प्रधानमंत्री बधाई के पात्र हैं। नया संकल्प धारा 341 को समाप्त कर लोकतांत्रिक देश में पिछड़े मुसलमानों के लिए विकास के द्वार खोलेंगे। ताकि पिछड़े मुसलमानों का बेटा-बेटी शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर अन्य वर्गों से मुकाबला कर सकें। प्रधानमंत्री अपने हर संदेश में 140 करोड़ भारतीय लोगों की वकालत करते रहे हैं। भारत विश्व की महान देशों में से एक बन गया है। दुनिया का नेतृत्व करने की सारी क्षमता भारत के राजनेताओं, शिक्षाविदों और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में निहित है। वर्तमान में इसरो ने चंद्रयान 3 चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर 100% सफलता हासिल की है। फेडरेशन इसरो, भारत सरकार और देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बधाई देता है और यह भी उम्मीद करता है कि भविष्य में भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी दुनिया के लिए सबसे अच्छा उपहार होगा।

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