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रांची का दीनयात और इस्लामियात के साथ आधुनिक शिक्षा का सबसे बड़ा मदरसा कुल्लियतुल बनात

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कुल्लियतुल बनात में बच्चों की आंखों में डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना, उर्दू के साथ अंग्रेजी, साइंस की भी पढ़ाई

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हिफ्ज़ विभाग शुरू, दाखिला जारी: मौलाना अब्दुल्लाह नदवी

रांची: रांची जिला में भी एक ऐसा मदरसा है जहां छात्राओं के बीच उर्दू, अरबी, फारसी के अलावा हिंदी, इंग्लिश ,साइंस और कंप्यूटर समेत तकनीकी शिक्षा की उच्च शिक्षा तालीम दी जा रही है। बच्चियों को अंग्रेजी बोलना भी सिखाया जा रहा है। उक्त बातें कुल्लियतुल बनात परहेपाट के निदेशक सह प्रिंसिपल मौलाना अब्दुल्लाह नदवी ने कहीं। वह शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा की कुल्लियतुल बनात परहेपाट बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। मदरसा कुल्लियतुल बनात परहेपाट, रातु रांची में स्थित एक बड़ा एदारा है जो रांची से 18 किलोमीटर दूर है।

यह मदरसा सिर्फ लड़कियों के लिए है, जहां लड़कियों को इस्लामी शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी बड़े पैमाने पर और उच्च स्तर का दिया जा रहा है। इसकी स्थापना 1999 को की गई थी। उस समय यह मदरसा 5 क्लास रूम से शुरू की गई थी। शुरू में कुल 40 बच्चे हॉस्टल में थे, आज के समय में 550 बच्चीयां हॉस्टल में और 150 बच्ची घर से आकर पढ़ाई करती हैं। इस तरह से कुल 700 बच्चे यहां रहते हैं पढ़ाई करते हैं।मदरसा में ईद की छुट्टी के बाद नए सेशन के लिए दाखिला जारी है। इस वर्ष हिफ्ज़ विभाग में भी दाखिला लिया जा रहा है जो बच्ची हिफज करना चाहती हैं वह इसमें दाखिला ले सकती हैं। अब तक चार दिन में 200 से ज्यादा बच्चियों का दाखिला हो चुका है। यहां दाखिला लेने वाले बच्चियों में झारखंड के सभी जिला के अलावा छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल और बिहार की बच्चियां है।

रांची के आसपास में इस तरह की मदरसा की कमी को देखते हुए बच्चियों की जरूरत को महसूस करते हुए इस मदरसा की बुनियाद रखी गई। अब तक यहां से हजारों हजार की संख्या में बच्चियों ने अलीमा और मैट्रिक देकर निकल चुकी है। इस एदारा की खासियत है कि यहां सिर्फ इस्लामी शिक्षा पर ही जोर नहीं दिया जाता है बल्कि इसके साथ-साथ बच्चियों को जैक बोर्ड के सिलेबस पढ़ाया जाता है और बच्चिया यहां आलिमा के साथ मैट्रिक कर निकलती हैं। मदरसा में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, सिलाई कढ़ाई, कंप्यूटर की सुविधा, एक उच्च स्तरीय लाइब्रेरी की भी सुविधा है। यहां पढ़ रही कुल बच्चियों में 40% बच्चियों को निशुल्क पढ़ाया और उनका रहना, खाना पीना सभी उपलब्ध कराया जाता है।समय-समय पर मेडिकल कैंप का आयोजन किया जाता है और बच्चियों का स्वास्थ्य जांच होता है।

मदरसा में रोज एक डॉक्टर आते हैं, मदरसा में मेडिकल की सारी प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाए उपलब्ध है। मौलाना अब्दुल्लाह नदवी डायरेक्टर सह प्रिंसिपल ने बताया कि शिक्षा में अब काफी बदलाव आया है। इस मदरसे से निकलने वाली छात्राएं डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर समेत बड़े-बड़े पदों तक पहुंच रही हैं। आधुनिक शिक्षा से लैस कुल्लियतुल बनात की बच्चियों मौजूदा दौर के लायक खुद को तैयार कर रही हैं। मौलाना ने कहा की यहां के शिक्षक शिक्षिकाएं काफी मेहनती हैं। यहीं कारण है कि यहां की बच्चियां हर फिल्ड में आगे बढ़ रही हैं। हम उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने कुल्लियतुल बनात में अपना ताऊन दिया।

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