झारखंड में जल्द होगा ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशाविरत का गठन : फिरोज
रांची: ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशाविरत का स्वागत सत्र मस्जिद जाफरिया हॉल में आयोजित किया गया। बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशाविरत के अध्यक्ष श्री फिरोज अहमद को पुष्पगुच्छ एवं शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। बैठक की अध्यक्षता हाजी हलीमुद्दीन एवं संचालन खुर्शीद हसन रूमी ने किया। खुर्शीद हसन रूमी ने मुशाविरत के लक्ष्य एवं उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। कहा कि मुशाविरत एक संस्था है, यह हमारे बुजुर्गों की निशानी है। यह हमें विरासत में मिला है। इसे क्रियाशील और मजबूत बनाना हमारा दायित्व है। खुर्शीद हसन रूमी ने आगे कहा कि मरहूम हजरत मौलाना अहमद अली कासमी के जीवनकाल तक झारखंड में मुशाविरत का काम बखूबी चल रहा था। उनकी मृत्यु के बाद, मुशाविरत झारखंड में ठहर गया। वहीं, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकील रहमान ने अध्यक्ष का स्वागत किया और कहा कि इन दिनों मुशाविरत अधिक महत्वपूर्ण है।
उन्होंने अध्यक्ष से झारखंड में मुशाविरत का पुनर्गठन करने का अनुरोध किया। वहीं, मस्जिद जाफरिया के इमाम और खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजिबुल हसन रिजवी ने कहा कि मुशाविरत का गठन सांप्रदायिकता के खिलाफ एक संगठन के रूप में किया गया था। झारखंड में आपसी भाईचारा और एकता कायम करना जरूरी है। ताकि विचार-विमर्श के मंच से आपसी एकता और हिंदू मुस्लिम भाईचारे को बढ़ावा दिया जा सके। वहीं, झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुख्तार खान ने झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटनाओ पर कार्रवाई, मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं देने के लिए झारखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, मंजूर अहमद अंसारी ने कहा कि आज की परिस्थिति में समाज के दबे-कुचले लोगों को मुशाविरत की जरूरत अधिक है। निचले वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाना मुशाविरत की जिम्मेदारी है। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशाविरत के अध्यक्ष फिरोज अहमद ने कहा कि मुशाविरत की स्थापना हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए हुई है। आजादी के बाद जो सांप्रदायिक हिंसा और दंगे हुए, उस समय के लोगों और कुल हिंद जमात के लोगों ने एक साथ आकर विचार-विमर्श कर उसका नींव रखी। और पूरे देश का दौरा किया और निराश मुसलमानों को उभारने में मदद की। आज बंगाल, महाराष्ट्र, असम, यूपी में मुशाविरत बेहतर काम कर रही है। जल्द ही यह यूनिट झारखंड में भी स्थापित की जायेगी। आपने हमारा स्वागत किया, आप सभी को धन्यवाद। सोहेल सईद ने धन्यवाद ज्ञापन किया और मुफ्ती अब्दुल्ला अज़हर कासमी की दुआ के साथ बैठक ख़त्म हुई। मौके पर सैयद निहाल अहमद, मोहम्मद इकबाल, सरफराज, मकसूद, इरशाद अंसारी, मोहम्मद इजाज, हाजी शकील, मोहम्मद मीर समेत कई लोग मौजूद थे।