उर्दू के सच्चे खिदमतगार थे प्रोफेसर अबुज़र उस्मानी : अमीन अहमद
उर्दू को आगे बढ़ाने में प्रो० उस्मानी ने अपनी पूरी जिन्दगी लगा दी, हमें उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत : उर्दू शिक्षक संघ
राँची, दिनांक, 29/11/ 2023,
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय कार्यालय में दिवंगत प्रोफेसर अबुज़र उस्मानी, अध्यक्ष, अंजुमन तरक़्क़ी ए उर्दू, झारखंड तथा विभागाध्यक्ष, उर्दू , विनोबाभावे विश्वविद्यालय के याद में शोकसभा का आयोजन कर खिराजे अक़ीदत (श्रद्धांजलि) पेश किया गया।
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने कहा कि प्रो० अबुज़र उस्मानी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं उर्दू के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर देनेवाला शख्शियत आज हमारे बीच नहीं होकर भी जीवित हैं। वे उर्दू के पूरे इंसाइक्लोपीडिया थे जिन्होंने आखिरी सांस तक उर्दू के लिए ही जिये। हमारे संगठन के लिए फ़क़्र की बात है कि वे हमारे संगठन के पहले सेमिनार, 2014 में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। अब हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम उनके अधूरे काम को पूरा करने में अपना योगदान दें।
मुख्य अतिथि के रूप में अंजुमन तरक़्क़ी ए उर्दू, झारखंड के महासचिव डॉ० वकील अहमद रिज़वी ने उनके साथ बिताये आखिरी पलों को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई जिम्मेवारी को पूरा करना है जिसके लिए सभी को मिलकर उर्दू को झारखंड में बचाने की मुहिम पर जुट जाना होगा।
संघ के केंद्रीय प्रवक्ता शहज़ाद अनवर ने कहा कि पूरे राज्य में उर्दू के लिए मदरसा से लेकर विद्यालय स्तर तक उर्दू की पढ़ाई में बुनियादी सुविधाओं को पूरा कराने की जरूरत है।
आज के इस शोकसभा में मुख्यरूप से अमीन अहमद, डॉ० वकील अहमद रिज़वी सहित अब्दुल माज़िद खान, नाज़िम अशरफ, साबिर अहमद, ग़ुलाम अहमद, शाहिद अनवर, मक़सूद ज़फ़र हादी, शहज़ाद अनवर, राकिम अहसन, अब्दुल गफ्फार, मो० फखरूद्दीन, सरवर आलम, मो० इस्माईल, मोशाहिदा अंजुम, आयरा नसीम, नवाज़िश रज़ा, असरार अहमद, अब्दुल बारिक, साकिर करीम, इलताफ अंसारी, आबदा तबस्सुम, रबनवाज़, सिबतैन रिज़वी, शबीना नाज़, तरन्नुम परवीन, रौशन जहाँ, फिरदौस परवीन,निकहत बानों, आसमा खातून, उजमा निशात, जरीना खातून, उजैर आलम आदि शामिल हुए।