मस्जिद जाफरिया में दस दिवसीय मजलिस जिक्र कर्बला शुरू


शहादत हुसैन से इस्लाम को जिंदगी मिली: तहजीबुल हसन
रांची: मस्जिद ए जाफरिया रांची में मजलिस जिक्रे शहीदाने कर्बला का आगाज मुहर्रम का चांद देखते ही शुरू हो चुका है। मोहर्रम का चांद देखते ही शिया मुसलमानों के घर में हर तरफ या हुसैन की सदा गूंजने लगी। मस्जिद ए जाफरिया में 10 दिवसीय मजलिसे जिक्रे शहीदाने कर्बला एक मोहर्रम से दस मोहर्रम तक रात्रि 8:00 से किया गया है। यानी 27 जून से 6 जुलाई तक होगा। इस मजलिस को मुख्य रूप से हाजी मौलाना सैयद तहजीब उल हसन रिजवी इमाम जुमा व जमाअत मस्जिद ए जाफरिया रांची संबोधित करेंगे। मौलाना तहजीब उल हसन ने इस्लाम धर्म से आस्था रखने वालों को बताया कि शहादत हुसैन से इस्लाम को जिंदगी मिली। अगर इमामे हुसैन ने अपने पूरे घर की कुर्बानी कर्बला में नहीं दी होती तो आज इस्लाम का नाम लेवा कोई ना होता। मोहर्रम इसलिए मनाओ ताके इस्लाम पहचाना जाए। इस्लाम सिर्फ नमाज से नहीं बल्कि अच्छे अखलाक से पहचाना जाता है। नमाज को जिसने बचाया उसका नाम हुसैन है। पहली मजलिस स्वर्गीय अजहर हुसैन के पुत्र सैयद मेहदी इमाम एवं स्वर्गीय यावर हुसैन के पुत्र एहतेशाम के द्वारा की गई। सारे कार्यक्रम का आयोजन अंजुमन ए जाफरिया के तत्वधान में किया जाएगा। इस मौके पर डॉक्टर शमीम हैदर, जावेद हैदर, एस एच फातमी, अशरफ हुसैन रिज़वी, सैयद नेहाल हुसैन सरियावी, हाजी हबीब अहमद, सैयद जसीम रिज़वी, सैयद शाहरुख हसन रिज़वी, डॉक्टर मुबारक अब्बास, शमीमुल हसन, अली अहमद निकी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
