Saturday, September 21, 2024
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एससी-एसटी आरक्षण वर्गीकरण के विरोध में भारत बंद का व्यापक असर

मुजफ्फर हुसैन, संवाददाता

राँची:- सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर और सब कैटेगरी सिस्टम लागू करने के फैसले के विरोध में बुलाए गए भारत बंद का प्रभाव राँची के कई हिस्सों में स्पष्ट रूप से देखा गया। कांके, ओरमांझी, अनगड़ा, रातू, मांडर, चान्हो, नगड़ी, बीजुपाड़ा, बीआईटी मेसरा, विकास, और नेवरी गोलम्बर चौक समेत विभिन्न स्थानों पर बंद का व्यापक असर पड़ा। विभिन्न संगठनों ने इस निर्णय के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रमुख सड़कों और दुकानों को बंद करवा दिया। राँची जिला के विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन को ठप कर दिया गया और कई चौक-चौराहों को जाम कर दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष क्षेत्रीय सरना समिति झारखंड प्रदेश और झामुमो नेता बच्चन उरांव ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण का निर्णय एससी-एसटी समाज के उत्थान और सशक्तिकरण के प्रयासों के खिलाफ है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इस फैसले में कोई बदलाव नहीं किया गया, तो आंदोलन को और अधिक तीव्र किया जाएगा। झारखंड प्रदेश आदिवासी सरना पड़हा समाज और झारखंड प्रदेश ग्राम प्रधान महासंघ ने 21 अगस्त 2024 को भारत बंद का समर्थन किया। इस अवसर पर, मुन्ना पतरा चकला ओरमांझी रांची में राष्ट्रीय मार्ग 33 ब्लॉक चौक ओरमांझी के पास कई घंटे तक चक्का जाम किया गया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व झारखंड प्रदेश ग्राम प्रधान महासंघ के अध्यक्ष रमेश उरांव ने किया। रमेश उरांव ने मांग की कि माननीय उच्च न्यायालय इस निर्णय को वापस ले और केंद्र सरकार शीघ्र एक अध्यादेश लाकर लोकसभा और राज्यसभा में प्रस्ताव लाकर कानून बनाए। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं ने भी केंद्र सरकार पर एससी-एसटी समाज के अपमान का आरोप लगाया और एससी-एसटी के शोषण को बंद करने का नारा लगाया। चक्का जाम कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष क्षेत्रीय सरना समिति झारखंड प्रदेश और झामुमो नेता बच्चन उरांव, आदिवासी सरना 22 पड़हा अध्यक्ष बाबूलाल महली, कांके झामुमो प्रखंड अध्यक्ष जावेद अख्तर, ओरमांझी प्रखंड कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तुलसी खरवार, ओरमांझी झामुमो प्रखंड अध्यक्ष नागेश्वर महतो, युवा झामुमो प्रखंड अध्यक्ष साकिर अंसारी, प्रोफेसर प्रेमनाथ मुंडा, प्रीतम सांड लोहरा, सरवन लोहरा, सुरेश प्रसाद साहू, झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता कुद्दूस अंसारी, नरेश यादव, रमेश चंद्र उरांव, अशोक मुंडा, देवेंद्र पहान, सफीउल्लाह अंसारी, तोहिद आलम, परमेश्वर भोक्ता, घनेनाथ करमाली, सुरेश मुंडा, करमु पहान, जय नारायण मानकी, सूरज उरांव, अविनाश उरांव, दीपक मुंडा, भगत उरांव, मोइन अंसारी, साबिर अंसारी समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।

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