कहा चूक हुई टीम कुतुब से?
आदिल रशीद
रांची: हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा दरगाह कमेटी का चुनाव 3 सितंबर 2023 को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। चुनाव कमिटी को जितनी बधाई दी जाय कम है। यह चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो गया था। इस चुनाव में दो टीम आमने-सामने थे। टीम कुतुब और टीम खिदमत। आज हम बात करेंगे टीम कुतुब की। कहां चूक हुई टीम कुतुब से। तो सबसे पहले यह टीम ओवर कॉन्फिडेंट में थी। दूसरा यह कि यह टीम अपने अलावा अपने समर्थक को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी और यह गुमान में थी के यह सब तो मेरे समर्थक ही है। तीसरा, टीम कुतुब में जायदा तर लोग टीम को छोड़ कर अपना प्रचार प्रसार करने लगे। जिससे यह कमज़ोर होते गए। चौथा, मो फारुक का वो बयान जिसमे उन्होंने कहा कि देढ़ लाख मेरा लगाया हुआ पैसा है, कमिटी से हमको लेना है। पांचवा, प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को दरगाह परिसर में भाजपा का पट्टा लगाकर प्रोजेक्टर पर देखना, यह नुकसान कर गया। सबसे बड़ी चूक ये हो गई की टीम कुतुब ने विरोधियों को कमज़ोर आंक लिया उनकी रणनीति को भांप नही सके और खुद की कोई रणनीति नहीं बनाई। लाइफ टाइम मेंबर को अपनी मर्जी से जोड़ना और हटा देना। सबसे बड़ा फैक्टर यह भी रहा की पप्पू गद्दी को हल्के में लिया। इस चुनाव में पप्पू गद्दी, पूर्व पार्षद मो असलम, संजू, एम सईद, हाजी रब्बानी, नौशाद गुज्जर, शादाब हिंदपीढ़ी, मो तस्लीम, रिजवान हुसैन, पार्षद मो फिरोज, शाहिद अयूबी, की चाणक्य की भूमिका के आगे टीम कुतुब धराशाई हो गई। वन मैन के भूमिका में नज़र आए रिजवान हुसैन और नसीम उर्फ पप्पू गद्दी, पार्षद फिरोज़।