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श्रीरामकृष्ण सेवा संघ व बासुदेव चटर्जी स्मृति फाउंडेशन ने गरीबों के बीच बांटे कंबल

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समाजसेवियों ने लाचार लोगों को कराया भोजन


पीड़ित मानवता की सेवा सबसे बड़ा मानव धर्म : राजीव चटर्जी
समाजसेवा से होती है सुखद अनुभूति: तुषारकांति शीट

विशेष संवाददाता
रांची। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद की जयंती) के अवसर पर शुक्रवार (12जनवरी) को श्री रामकृष्ण सेवा संघ और बासुदेव चटर्जी स्मृति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में जोन्हा (गौतमधारा) व आसपास के जरूरतमंदों के बीच कंबल व अन्य उपयोगी सामग्री का वितरण किया गया। कंबल वितरण के बाद समाजसेवी आलोक मजूमदार, सोहिनी मजूमदार और आनंद रंजन घोष के सौजन्य से


आसपास के गरीब व लाचार वृद्धजनों (महिला -पुरुष) को दोपहर में भोजन कराया गया।
इस अवसर पर बासुदेव चटर्जी स्मृति फाउंडेशन के संस्थापक राजीव चटर्जी ने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा सबसे बड़ा मानव धर्म है। गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने से सुखद अनुभूति होती है।
वहीं,मौके पर श्रीरामकृष्ण सेवा संघ के सहायक सचिव तुषारकांति शीट ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन सदैव समाज के प्रति समर्पित रहा। उनके पदचिन्हों पर चलकर हमें समाजसेवा के क्षेत्र में सहभागिता निभाने और राष्ट्र के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गरीबों की सेवा ही सच्ची मानव सेवा है। श्री शीट ने अन्य सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों को भी इस दिशा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।


इस मौके पर श्रीरामकृष्ण सेवा संघ के सहायक सचिव तुषारकांति शीट, सचिव डॉ. स्मिता डे, अध्यक्ष सुकृत भट्टाचार्य, कोषाध्यक्ष तन्मय मुखर्जी, डॉ.आशुतोष चटर्जी, विवेक राय, मंतोष मजुमदार, आलोक मजुमदार , सोहिनी मजुमदार सुशील पात्रो, श्रावंती शीट, केया मुखर्जी, बुला दत्त, छंदा घोष, अरुण दयाल, तनय शीट, आनंद रंजन घोष, राजीव रंजन राजू, अशोक कुमार, शुभंकर बनर्जी, सपन डे, जेजे राय,समीर मोहन्ती सहित अन्य उपस्थित थे।

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