धर्म शास्त्र का इतिहास व रहीम के दोहे नहीं मिल रहे हैं: रविंद्र राय
रांची । बड़े दिनों के बाद राष्ट्रीय पुस्तक मेला रांची जिला में लगी है। तो इधर से ही गुजर रहे थे तो सोचा की जिला स्कूल में लगी पुस्तक मेला हो ले । यहां कई स्टॉल घूमे , लेकिन अभी तक जितने पुस्तक के स्लॉट में अब तक घूमे पर रहीम के दोहे और धर्म शास्त्र का इतिहास पांडुरंग वामन कांडे द्वारा लिखित है, यहां नहीं मिल रहे हैं । उक्त बातें भाजपा के पूर्व सांसद , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र कुमार राय ने कहीं। रविंद्र राय ने कहा कि बहुत पहले मूल वेद खरीदा था, मूल वेद का महत्व समझने की जरूरत है। जिस तरह गुरु साहिब के बगैर गुरु ग्रंथ और कुरान के बगैर इस्लाम पूरा नहीं होता है , ठीक इसी तरह से सनातन में भी वेद की पूजा होनी चाहिए । वेद में जो लिखा है वही सनातन धर्म है। वेद हर किसी को पढ़ना चाहिए । आगे उन्होंने कहा कि जब कक्षा छठी में थे तो शिक्षकों के द्वारा हितोपदेश के ज्ञान बहुत दिए जाते थे , शिक्षा से संबंधित ज्ञान होते थे। जैसे कर्म का फल मीठा होता है, मेहनत कर फल की इच्छा मत कर इत्यादि। इसलिए हितोपदेश सबको पढ़ना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि
धर्म शास्त्र का इतिहास पांडुरंग वामन कांडे महाराष्ट्र के थे और उन्हें इसी पुस्तक के लिए भारत रत्न मिला था, वहीं पाकिस्तान टैंक उड़ानें वाले भारतीय सेना वीर सपूत हवलदार अब्दुल हमीद पर लिखित पुस्तक पढ़ने की जरुरत है। वहीं पत्रकार परवेज कुरैशी की लिखित पुस्तक झारखंड में फिल्म निर्माण की संभवानाएं एवं चुनौतियां को देखा और कहा ये किताब झारखंड फिल्म से जुड़ी है पढ़ने की जरुरत है। आगे कहा कि इस तरह की पुस्तक मेले के आयोजन लगातार होने की चाहिए । सोशल मीडिया का युग आने से पुस्तक पढ़ने की जो आदतें थी वह लोगों में कम हो रही है। युवाओं में भी पुस्तक पढ़ने में कमी देखी जा रही है, बच्चों में भी कम हो रही है , इसलिए पुस्तक पढ़ने की आदत हर किसी को होनी चाहिए, जितना पुस्तक पढ़ेंगे, उतना ही आपकी बुद्धि विकसित होगी।