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मास्टर वरीयता सूची का निर्माण नियम संगत किया जाय : संयुक्त शिक्षक मोर्चा

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वरीयता सूची पर किया गया आपत्ति : जल्द हो निराकरण

राँची, 27/05/2023, 
जिला शिक्षा अधीक्षक रांची के ज्ञापांक 1455 दिनांक 24 मई 2023 विभिन्न ग्रेडों में प्रोन्नति देने हेतु औपबंधिक मास्टर वरीयता सूची जारी की गई जिसके संदर्भ में झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा की आपात बैठक संयोजक अमीन अहमद के अध्यक्षता में की गई जिसमें मुख्य रुप से संयोजक मंडल के सदस्य विजय बहादुर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार दास एवं मकसूद जफर हादी  उपस्थित थे एवं अन्य सम्मानित सदस्यों में मनोज कुमार गुप्ता, सुनील पांडे, बृजेश मिश्रा, दयानंद तिवारी,  सुनील कुमार, कलेश्वर कोइरी, बासुदेव महतो आदि के साथ सूची पर विचार-विमर्श किया गया l इसके तहत वरीयता सूची पर आपत्ति दर्ज की गई है l
झारखंड शिक्षक नियुक्ति नियमावली  2012 के द्वारा जनवरी 2016 में उच्च प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 6 से 8) के रूप में राज्य के नव सृजित कला स्नातक, विज्ञान स्नातक एवं भाषा स्नातक के पदों पर नियुक्त शिक्षकों को 1994 एवं 1999 में बीपीएससी द्वारा एवं 2003 में जेपीएससी द्वारा नियुक्त अधिकांश वरीय शिक्षकों को मास्टर वरीयता सूची में वरीयता क्रम में ऊपर सूचित किया गया है जो पूर्णतः गलत है, क्योंकि कुछ शिक्षकों को 30/12/2016 को प्रोन्नति दी गई वे  न्यायालय के आदेश के द्वारा अपनी वरीयता क्रमांक को परिवर्तित करते हुए ऊपर चले गए एवं बहुत से शिक्षक न्यायालय की शरण लिए हुए हैं l उन शिक्षकों को नजरअंदाज कर वरीयता क्रम में नीचे दिखाना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है, यह एक व्यापक त्रुटि है और सरकार के द्वारा 619 दिनांक 26/8/2021 का सरासर उल्लंघन है क्योंकि उसमें सचिव, स्कूली शिक्षा महोदय के द्वारा निर्देश दिया गया है कि रिक्ति के विरुद्ध ही प्रमोशन दिया जाना चाहिए l जो प्रमोशन 30/12/2016 को मिली है उन शिक्षकों को जिस वर्ष रिक्ति रहेगी उन्हीं के अनुसार शिक्षकों को प्रोन्नत करके उनकी वरीयता को अक्षुण्ण रखना है l वर्ष 1994,1999 और 2003 में नियुक्ति शिक्षकों की नियुक्ति कक्षा 1 से 8 तक के कक्षाओं के लिए हुई थी। वहीं शिक्षक 1993 नियमावली के प्रोन्नति के माध्यम से ग्रेड 4 एवं ग्रेड 7 की प्राप्ति कर सकते हैं। 1993 नियमावली में सीधी नियुक्ति का ग्रेड 4 में प्रावधान ही नहीं है अतः नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 जिनको ग्रेड 4 में नियुक्ति की गई है उनकी प्रोन्नति नियमावली सरकार के द्वारा एवं विभाग के द्वारा अलग से बनाई जाएगी तत्पश्चात ही उनकी प्रोन्नति ग्रेड 7 में हो सकती है, वे 93 नियमावली के अंतर्गत नहीं आ सकते अतः उन्हें 1994, 1999 एवं 2003 में नियुक्त शिक्षकों के साथ नव नियुक्त 2016 शिक्षकों के साथ वरीयता का परस्पर निर्धारण नहीं हो सकता। 1994,1999 एवं 2003  में नियुक्त शिक्षकों की परस्पर वरीयता का निर्धारण 1993 नियमावली के अनुसार इन्हीं के बीच  होना चाहिए। इस विषय में डब्ल्यू पी एस 6087/ 2022 के माध्यम से विजय बहादुर सिंह वर्सेस स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से निर्णय हेतु न्यायालय की शरण में जा चुके हैं जिन्हें माननीय उच्च न्यायालय के जस्टिस श्रीमान आनंद सेन जी द्वारा 19/01/2023 को आदेश भी निर्गत हो चुका है l इसके निहित विभाग को 6 सप्ताह के अंतर्गत वादी शिक्षकों के सार्थक मांग हेतु काउंटर एफिडेविट करना है l
     वहीँ  दूसरी  तरफ 1994 में पृथक  मेधा सूची के अनुरूप नियुक्त उर्दू  शिक्षकों की वरीयता सूची में उल्लेखित  10% पृथक पदों के विरूद्ध प्रोन्नति सूची का संधारण करना पूर्णरूपेण नियमसंगत है l

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