लोक सेवा समिति ने अपनी 33वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय सामाजिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया



लोक सेवा समिति ने अपनी 33वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली के यएमसीए सभागार में एक राष्ट्रीय सामाजिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में देश में नशा और धार्मिक हिंसा की बढ़ती समस्या पर चर्चा हुई और इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए सामाजिक लोगों की जिम्मेदारी पर जोर दिया गया।

सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित हस्तियों को झारखंड रत्न और राष्ट्रीय सम्मान-2024 से सम्मानित किया गया, जिनमें पप्पू यादव सांसद, डॉ. हनुमान प्रसाद शर्मा, आलोक मिश्री, नियोल फिलिप, हुजाइफ़ा वस्तानवि, गुरु के सी दास, वालि मोहम्मद भट, रुखसाना प्रवीन, शबाना आज़मी, कनीज़ फतमा, डॉ. हुमा मेराज खान और किशोरी राणा शामिल थे।

मुख्य अतिथि और विशिष्ट मुख्य अतिथि ने लोक सेवा समिति की 33 वर्षों की सामाजिक सेवा की सराहना की और समिति के कार्य में सहयोग करने की बात कही। समिति के डॉ. टी. ए. सिद्दीकी, हेमलता मिंज, गंगा राम, डॉ. मोहन बरैक और अंजारुल बरी को भी सरहानीय सहयोग पर सम्मानित किया गया।

समारोह में प्रो. सलीम, इंजीनियर मोहम्मद खालिद खाँ, डॉ. बलराज सिंह, नियोल फिलिप, डॉ. जय प्रकाश गुप्ता और अनस बिन नौशाद शामिल थे। लोक सेवा समिति की दिल्ली प्रदेश चैप्टर संरक्षक आलोक मिश्री ने स्वागत भाषण दिया।
संस्थापक अध्यक्ष मोहम्मद नौशाद खान ने 33 वर्षों की उपलब्धियों पर रिपोर्ट पेश की और सभी सदस्यों और सहयोगियों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि समिति सामाजिक कार्यों और देश सेवा के लिए समर्पित रहेगी।

राष्ट्रीय सामाजिक शिखर सम्मेलन में दो मुद्दों पर विचार किया गया: समाज में हिंसा, नफरत और दुरियों को रोकने और युवा और समाज को नशा की बढ़ती मार से बचाने के लिए ठोस प्रयास करना।
अतिथियों का उद्गार और सम्मान किया गया और संस्था के सदस्यों और सहयोगियों का सम्मान किया गया। अगली सम्मेलन अप्रैल 2025 को कश्मीर में होगी, जिसकी घोषणा वालि मोहम्मद ने की। धन्यवाद भाषण डॉ. मुज़फर हसन ने दिया।
