ओरमांझी बिरसा जू में शेर अभय व शेरनी शाबरी व दो मगरमछ लाये गये”उद्यान में जश्न माहौल


प्रेस कॉन्फ्रेंस नये मेहमानों की इंट्री व जानवरों को रायपुर भेजे जाने की दी जानकारी
ओरमांझी(मोहसीन):ओरमांझी के भगवान बिरसा जैविक उद्यान में सोमवार को वन्यजीव विनिमय योजना के तहत नंदनवन चिड़ियाघर रायपुर से शेर शेरनी का एक जोड़ा व दो मगरमछ लाया गया। और बदले में एक जोड़ा साहिल,एक जोड़ा हायना और एक जोड़ा घड़ियाल रायपुर जू भेजा गया। बिरसा जू लाये गये नर शेर का नाम अभय रखा गया,जिसकी उम्र लगभग 14 वर्ष एवं मादा शेर का नाम शाबरी दिया गया है,जिस की उम्र 04 वर्ष है। मगरमच्छ के जोड़े लगभग 03 से 04 वर्ष के हैं।उद्यान के लाइब्रेरी हॉल में मंगलवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक झारखण्ड राँची के अशोक कुमार,प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक झारखण्ड राँची पारितोष उपाध्याय,मुख्य वन संरक्षक एवं निदेशक,भगवान बिरसा जैविक उद्यान ओरमांझी जब्बर सिँह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नए मेहमानों के आने एवं वनप्राणी आदान-प्रदान की जानकारी देते हुए बताया की विगत कुछ महीनों में भगवान बिरसा जैविक उद्यान के दो एशिटिक लायन जया एवं बिरू तथा एक हाइब्रिड शेरनी प्रियंका की मृत्यु प्रौढावस्था के कारण हो गई थी एवं उद्यान में मात्र एक हाइब्रिड शेर शंशाक बच गया है।ऐसे में विजिटर्स के बढ़ती हुई मांग को ध्यान में रखते हुए उद्यान प्रबंधन द्वारा फिर से पार्क में एशिटिक लायन का जोड़ा लाने का प्रयास किया गया। इस आदान-प्रदान की योजना को सफल बनाने में प्रधान मुख्य वन संरक्षक,वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक,झारखण्ड,राँची, उद्यान के मुख्य वन संरक्षक एवं निदेशक, सहायक वन संरक्षक,पशु चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। इस एक्सचेंज प्रोग्राम से भगवान बिरसा जैविक उद्यान में वन्यप्राणियों के संरक्षण एवं संर्वद्धन में एक नया आयाम प्राप्त होगा।ऐशियाई शेरों का इन्क्लोजर पूरी तरह खाली होने के कारण मंगलवार को ही शेरअभय,शेरनी शबरी एवं दोनों मगरमच्छों को दर्शकों के लिए अशोक कुमार,प्रधान मुख्य वन संरक्षक, झारखण्ड, राँची,पारितोष उपाध्याय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, झारखण्ड,राँची,जब्बर सिंह,मुख्य वन संरक्षक एवं निदेशक,भगवान बिरसा जैविक उद्यान,ओरमांझी एवं उद्यान के सभी कर्मियों की उपस्थिति में बाड़े में छोड़ा गया। उद्यान में नए मेहमान के आने को लेकर जश्न का माहौल था,सैलानी सुबह से ही नए जानवर को सामने से देखने के लिए लालाहित थे,
