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कतिपय शिक्षक संघ को जानकारी का अभाव, सभी शिक्षकों के हित में आगे आने की जरूरत : उर्दू शिक्षक संघ l

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रांची, 26 मई 2023.
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव अमीन अहमद ने कहा है कि प्रारंभिक शिक्षकों के औपबंधिक वरीयता सूची में उर्दू शिक्षकों को स्थान दिये जाने का विरोध करने वाले अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ को जानकारी का अभाव है. उनकी मंशा बताती है कि वे उर्दू शिक्षकों के विरोधी हैं. महासचिव अमीन अहमद ने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अवर सचिव प्राथमिक शिक्षा श्री अरविंद कुमार सिंह द्वारा 23 दिसंबर 2020 को  पत्रांक 1530 जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 1994 में दो अलग-अलग सूची में शिक्षक बहाल किये गये थे. सामान्य शिक्षक एवं ऊर्दू शिक्षक की बहाली अलग-अलग सूची बना कर की गई थी. दोनों सूची का क्रमांक 1 से ही शुरू हुआ था. इसलिए वरीयता क्रम में दोनों संवर्ग के शिक्षकों के साथ-साथ वरीयता प्रदान करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है. राज्य के सभी जिलों में दोनों संवर्ग के शिक्षकों के लिए इसी तरह की सूची तैयार की गई थी.  सामान्य रिक्ति के दस प्रतिशत उर्दू शिक्षकों को बहाल किया गया था. पत्र में स्पष्ट है कि दोनों का मेघा क्रमांक साथ-साथ है. इसलिए सभी ग्रेडों की प्रोन्नति में रिक्ति के दस प्रतिशत पदों पर उर्दू शिक्षकों को प्रोन्नति दिये जाने का निर्देश दिया गया है. 
उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता शहज़ाद अनवर ने कहा कि कतिपय शिक्षक संघ के नेताओं को इसका ज्ञान नहीं है और वे केवल उर्दू के नाम पर विरोध पर उतर आये हैं. जबकि संघ का दायित्व होता है कि वे शिक्षक हित में काम करे, शिक्षक का अहित बिल्कुल भी नहीं करे l

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