ख़लील अहमद के याद में माही द्वारा बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न


राँची: मौलाना आजाद ह्यूमेन इनिशिएटिव “माही”, जमीयतुल इराक़ीन व झारखण्ड अंजुमन के संयुक्त तत्वावधान में आगामी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर्बला चौक स्थित गुलशन हॉल में किया गया जिसमें विभिन्न स्कूलों से लगभग 80 विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ की। यह कार्यशाला इस्लाम नगर निवासी मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मरहूम ख़लील अहमद के शिक्षा के क्षेत्र में विशेषकर स्लम विद्यार्थियों के लिए दिये गए अभूतपूर्व योगदान के याद में आयोजित किया गया।

इस कार्यशाला में दक्ष व अनुभवी शिक्षकों द्वारा आगामी जैक बोर्ड परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के पैटर्न,अंक विभाजन व समय प्रबंधन से संबंधित टिप्स दिए गए।
कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र क़ुरान से इम्तियाज़ अहमद व मंच का संचालन सरवर इमाम खान ने किया। यह कार्यशाला दो सत्रों में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र में बच्चों को आगामी परीक्षा के प्रेसर को कम कर व्यवस्थित पढ़ाई कर कम समय मे अधिकतम अंक प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन गेस्ट के द्वारा दिया गया। बच्चों के बीच गिफ़्ट व स्नैक्स वितरित किये गए।

झारखण्ड अंजुमन के कन्वेनर जुनैद अनवर ने अपने ज़माने में दिए गए बोर्ड परीक्षा के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि आप बचे हुए समय का सदुपयोग कर, अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर कठिन परिश्रम व आत्मविश्वास के सहारे आगामी परीक्षा के बाधाओं को सकुशल पार कर सकते हैं। बच्चों, आपने अपनी पढ़ाई में मेहनत और लगन से जी-जान लगाई होगी और अभी भी उसे जारी रखे हुए होंगे। आपकी मेहनत ही आपको आपकी मंज़िल तक पहुँचाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि हर इंसान के दिल में कुछ ना कुछ ख्वाब होते हैं, जिन्हें पूरा करने की तम्मन्ना उसे आगे बढ़ने की ताक़त देती है। याद रखिए, आपके सपने सिर्फ आपके नहीं, बल्कि आपके परिवार, समाज और पूरे मुल्क के भी हैं। जब आप आगे बढ़ेंगे, तो आपका परिवार गर्व करेगा, समाज को फ़ख्र होगा, और मुल्क तरक्की करेगा। हर इंसान के अंदर बेपनाह क़ाबिलियत होती है, बस उसे पहचानने और निखारने की ज़रूरत होती है। हमें अपने अंदर की कुव्वत को जानकर, उसे सही दिशा में लगाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों के समक्ष झारखण्ड अंजुमन के तरफ़ से घोषणा करते हुए कहा कि कार्यशाला में उपस्थित जो विद्यार्थी टॉप करेंगे उन्हें लैपटॉप दिया जाएगा एवं जिन विद्यार्थियों को परीक्षा संबंधी डाउट को ऑन स्पॉट या ऑनलाइन दक्ष शिक्षकों के द्वारा दूर कराया जाएगा।

जमीयतुल इराक़ीन के सदर हसीब अख़्तर ने अहम् मौज़ू वक़्त के तक़ाज़े के मुताबिक़ ज़बान की एहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि मौजूदा दौर एक सख़्त मुज़ाहमत (कट-थ्रोट मुक़ाबला) का दौर है, जहाँ कामयाबी के लिए मुख़्तलिफ़ ज़बानों, ख़ुसूसन अंग्रेज़ी की महारत (कुशलता) हासिल करना इंतिहाई ज़रूरी है।
उन्होंने इस बात पर भी तवज्जोह (ध्यान) दिलाया कि किसी भी ज़बान को सीखना हमारी तहज़ीब (संस्कृति) और असलात (जड़ों) से दूर होने का बायस (कारण) नहीं बनना चाहिए, बल्कि ये हमें दुनिया में नए मौक़ों की तरफ़ ले जाता है। आज का दौर तेज़ रफ़्तार तरक़्क़ी (विकास) का है, जहाँ इल्म और मालूमात (जानकारी) ही इंसान की असल पहचान है। इसलिए हमें हर दिन कुछ नया सीखने की जद्दोजहद (कोशिश) जारी रखनी चाहिए।

माही के कोषाध्यक्ष और समाजी कारकुन, भारत इलेक्ट्रॉनिक के ग़यासुद्दीन उर्फ़ मुन्ना ने बच्चों से मुख़ातिब होते हुए कहा कि वक़्त का सही इस्तेमाल और मुंतज़म (अनुशासित) ज़िंदगी इंसान को मुतमइन (संयमित), मुत्तहिद (संघटित) और मुस्तहकम (सुदृढ़) बनाती है।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जो लोग अपने वक़्त की क़दर करते हैं और उसे बेकार नहीं जाने देते, वही ज़िंदगी में बुलंदियों तक पहुँचते हैं। एक मुंतज़म और मुनज़्ज़म (व्यवस्थित) ज़िंदगी ही हमें मुश्किलात (चुनौतियों) से निकलने की सलाहियत (क़ाबिलियत) देती है और हमें अपने मक़ासिद (लक्ष्यों) की तरफ़ तेज़ी से बढ़ने में मददगार साबित होती है।

इसके उपरांत मारवाड़ी कॉलेज से सेवानिवृत्त प्रोफेसर ज़ुबैर अहमद ने कहा कि रुकावटें सिर्फ़ एक इम्तिहान होती हैं, जो हमें सिखाती हैं कि हौसला, सब्र और मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। जो लोग मुश्किलों से डरकर पीछे हट जाते हैं, वो कभी कामयाब नहीं हो सकते।
इसलिए, हमेशा मेहनत और सब्र के साथ अपने सपनों की तक़रीब करें। अपनी ज़िन्दगी को एक मक़सद दें और उस मक़सद को पाने के लिए दिल से कोशिश करें।
दूसरे सत्र में भाषा विषयों में लिखने के तरीके, व्याकरण, अनुच्छेद लेखन व पत्र लेखन से संबंधित बातें अंग्रेज़ी के शिक्षक सैय्यद इबरार हसन ने विस्तार पूर्वक रखी जबकि गणित व विज्ञान विषय से संबंधित महत्वपूर्ण टिप्स शिक्षक सलाहउद्दीन ने दिया।
इस कार्यशाला में छात्र-छात्राओं,अभिभावकों के अलावा माही व साझा मंच झारखण्ड के कॉर्डिनेटर इबरार अहमद,अंग्रेज़ी के जाने माने शिक्षक व मोटिवेटर अब्दुल्लाह कैफ़ी,जमीयतुल इराक़ीन के महासचिव सैफुल हक़, माही के उपाध्यक्ष ख़ालिद सैफुल्लाह,अर्शद शमीम,हाजी नवाब,मोहम्मद शकील,मोहम्मद मतीन आदि शामिल थे।
