स्वर्गीय हाजी हुसैन अंसारी का पोता बना हाफिज कुरआन
12 वर्ष की उम्र में असज़द हसन ने कुरान मुकम्मल किया
रांची : मात्र 12 वर्ष के उम्र में पूर्व मंत्री स्वर्गीय हाजी हुसैन अंसारी के पोता, असजद हसन ने कुरान हिफ्ज (कुरान बिना देखे पढ़ना) आज पूरा किया। इस छोटी सी उम्र में असजद हसन ने ऐसा काम कर दिया है कि उसके मां-बाप को कयामत के दिन सूरज से ज्यादा रोशनी वाला ताज पहनाया जाएगा। रांची के प्रसिद्ध मदरसा हुसैनिया कडरू में आज खत्म कुरान पर दुआ की मजलिस हुई। मदरसा शिक्षक कारी एहसान और कारी मोहम्मद इसराइल की देखरेख में बच्चे ने हिफ्ज मुकम्मल किया।
मदरसा हुसैनिया के प्रिंसिपल हजरत मौलाना मोहम्मद साहब के सरपरस्ती मैं असजद हसन ने कुरान मुकम्मल किया। हाफिज असजद हुसैन के पिता इकरामुल हसन ने कहा कि मेरे पिता मरहूम हाजी हुसैन अंसारी की यह ख्वाहिश थी कि पोता हाफिज बने। जिसे उसने आज पूरा किया। कारी असजद, मौलाना राशिद सैफुल्लाह, मुफ्ती कमर आलम ने बताया कि हाफिज बनने के बाद एक बार में पूरा कुरान सुनाना अपने आप में बड़ी बात है। यह बच्चे की लगन का ही नतीजा है।
इस मौके पर मदरसा हुसैनिया के मोहतमीम हजरत मोहम्मद साहब ने ने बताया कि पैगंबर-ए- इस्लाम ने फरमाया कि जिसने कुरान पढ़ा और उस पर अम्ल किया, उसके मां-बाप को कयामत के दिन ऐसा ताज पहनाया जाएगा। जिसकी रोशनी सूरज से ज्यादा होगा। शिक्षक कारी असजद ने कहा कि हुजूर पाक ने फरमाया कि हममें बेहतर वह है जो कुरान सीखे और सिखाए। हाजी हुसैन अंसारी के बेटे शब्बीर हसन, उनके परिवार के सदस्य, कारी असजद , मिनहाज, खुदा बख्श लाइब्रेरी, कारी अब्दुल कुद्दूस,कारी अख़लद, कारी रिजवान ,कारी अब्दुल मजीद,कारी असद, कारीमुश्ताक, कारी शकील, मौलाना अजहरुद्दीन, मास्टर अतहर मौजूद थे।