रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों ने विश्वविद्यालय से अनुशंसा करने की मांग की


हमारी जगह सेवानिवृत शिक्षकों की बहाली की जाएगी तो इसका संघ विरोध करेगा ।
आज रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षक भारी संख्या में रांची विश्वविद्यालय परिसर कुलपति महोदय अजीत कुमार सिन्हा से मिलने पहुंचे। परंतु विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त कुलपति महोदय से मुलाकात नहीं होने के कारण वे निराश होकर वापस लौट गए। इस पर संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि नीड बेस्ड शिक्षक की बहाली रोक दी गई है जबकि इस बहाली के तहत हमें प्राथमिकता देकर हमारी सेवा लेने का कैबिनेट में निर्णय हुआ था परंतु अब बहाली प्रक्रिया ही रोक दी गई है तो ऐसी स्थिति में रांची विश्वविद्यालय हमारी अनुशंसा कर पुन: हमारी सेवा सुनिश्चित करें। वहीं प्रेम शंकर तिवारी ने कहा कि 8 वर्षों से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं अतिथि शिक्षकों को काम करने से रोक कर सेवानिवृत शिक्षकों की सेवा लेने की विश्वविद्यालय की मनसा अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि माननीय उच्च न्यायालय का आदेश है कि हमारी सेवा समाप्त नहीं की जा सकती है। वहीं डॉ जिज्ञासा ओझा ने कहा कि साजिश के तहत हमें इतना अपमानित किया जा रहा है कि मजबूरन हमलोग कॉलेज जाकर कक्षा भी न ले सके, जबकि पूरे विश्वविद्यालय में शिक्षकों का अकाल पड़ा हुआ है।। वहीं दूसरी ओर हमें पिछले एक वर्ष से अधिक समय का मानदेय का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।। अब जब बहाली रुकी गई है, तो विश्वविद्यालय हमारी अनुशंसा सरकार से कर हमारी सेवा यथावत सम्मान पूर्वक सुनिश्चित जल्द से जल्द करें हमारी यही मांगे हैं।। विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में अरविंद प्रसाद, प्रेम शंकर तिवारी, अमित कुमार, शशि शेखर, डॉक्टर पूनम कुमारी, सूर्य सूरज कुमार विश्वकर्मा शाहबाज आलम, डॉ मुमताज, डॉ रीना कुमारी, डॉ प्रियंका पोद्दार, सुजीत कुमार अनीश खाखा, प्रतीक लाल, निहाल खालको, नाजिश हसन, चक्षु पाठक, डॉ सतीश तिर्की, आसिफ अली, डॉ शिखा, पूनम कुमारी आदि भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।
