HomeJharkhand Newsछात्र एव्ं शिक्षा हित में जल्द फैसला ले सरकार : झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा, 30 वर्षों से शिक्षकों को नहीं मिला प्रोन्नति : शिक्षा विभाग जिम्मेवार
छात्र एव्ं शिक्षा हित में जल्द फैसला ले सरकार : झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा, 30 वर्षों से शिक्षकों को नहीं मिला प्रोन्नति : शिक्षा विभाग जिम्मेवार
झारखंड राज्य में प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन
8 वर्षों से लंबित गृह जिला/अंतर जिला स्थानांतरण जल्द करे विभाग, विद्यालयों में पड़ रहा है बुरा असर
रांची, 07/05/2023, झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक धुर्वा स्थित भारतीय मजदूर संघ के कार्यालय में मोर्चा के संयोजक श्री विजय बहादुर सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई |
बैठक में मुख्यरूप से मोर्चा के संयोजक अमीन अहमद, प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार दास, मकसूद जफर हादी, नागेंद्र तिवारी, मो० फखरूद्दीन, राकेश श्रीवास्तव, रामापति पांडेय आदि मौजूद थे l
उक्त बैठक में शिक्षा एवं शिक्षक हित के निम्न मुद्दों पर विभाग एवं राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्रीमान हेमंत सोरेन जी के समक्ष संज्ञान में लाते हुए त्वरित रूप से समाधान करने का कार्य योजना बनाया गया एव्ं राज्य के निम्न छः सूत्री मांगों को पुरा करने की मांग राज्य सरकार से की गई l
1.शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में अपने गृह जिला अथवा अंतर जिला स्थानांतरण का एक मौका दिया जाए ताकि राज्य के विभिन्न क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाई विविधता के कारण उत्पन्न समस्याओं का समाधान किया जा सके ज्ञातव्य है कि प्राथमिक शिक्षा छात्रों की मातृ भाषा में दिए जाने का नैसर्गिक अधिकार है l
2. राज्य के लगभग सभी प्राथमिक से लेकर मध्य एवं उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन हो चुके हैं जो वर्षों से प्रभारी के भरोसे पर चल रहा है l कई जिलों में तो 30 -30 वर्षों से प्रोन्नति का मामला लटकी हुई है l विभागीय सचिव के स्तर से कई एक बार स्पष्ट आदेश मिलने के बावजूद जिलों में शिक्षकों का प्रोन्नति लंबित रखना पदाधिकारियों के शान का प्रतीक हो चला है, जिसका प्रत्यक्ष एवं प्रतिकूल प्रभाव शिक्षापर पड़ रहा है l
3. स्नातक वाणिज्य योग्यता रखने वाले शिक्षकों को नियम संगत रूप से ग्रेड 4 के स्नातक कला के पदों पर प्रोन्नति देकर समानता के अधिकार के हनन से रोका जाए l
4.छठे वेतन आयोग के अनुसार उत्क्रमित वेतनमान के अनुरूप वेतन निर्धारण किया जाए l
5.राज्य के अन्य कर्मचारियों के समान शिक्षकों को एम ए सी पी का लाभ दिया जाए l
6.झारखंड बायोमेट्रिक उपस्थिति नियमावली 2015 के प्रावधानों के विपरीत शिक्षा विभाग ने ई विधा वाहिनी के नए वर्जन 2.2.5 मैं ऑफलाइन उपस्थिति के विकल्प को समाप्त कर सिर्फ और सिर्फऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर शिक्षकों का वेतन निकासी का आदेश दिया है जो राज्य सरकार के संकल्प के विरुद्ध है जिससे अविलंब सुधारा जाए l
झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा शिक्षा विभाग एव्ं राज्य सरकार से मांग करती है कि उक्त मांगों का निराकरण जल्द किया जाय अन्यथा राज्य के शिक्षक आंदोलन का रुख अपनाने के लिए बाध्य हो जायेंगें l

You Might Also Like
اردو طلبہ کے اعزاز میں توصیفی تقریب نوادہ ہزاریباغ میں آج
رانچی: انجمن فروغِ اردو جھارکھنڈ اورنورویژن فورم (جھارکھنڈ)کے اشتراک سے ایک توصیفی پروگرام منعقد کیا جا رہا ہے۔ یہ پروگرام...
گئو رکشک اور ہجومی تشدد پر الہ آباد ہائی کورٹ کی یوپی حکومت کو سخت سرزنش
صدر جمعیۃ علماء ہند مولانا محمود اسعد مدنی نے کہا: ریاستی فرقہ پرستی سے بڑا کوئی ناسور نہیں، تحسین پونہ...
पंचायत कमिटी ने किया पौधारोपण….
रांची : दरगाही पंचायत हिन्दपीढ़ी और विज़न इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में रातु रोड क़ब्रिस्तान में पौधारोपण किया गया! पर्यावरण...
झारखंड के पहले टाइगर सफारी प्रोजेक्ट की तैयारी, मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने प्रस्तावित टाइगर सफारी प्रोजेक्ट का देखा प्रेजेंटेशन।
मुख्यमंत्री ने टाइगर सफारी प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों को दिए अहम दिशा-निर्देश। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज कांके रोड...