नेताजी के गायब होने के रहस्य का पता लगाते हुए, चेका, द रोड ऑफ बोन्स, जॉयदीप मुखर्जी की किताब लॉन्च हुई
आज दिनांक 8/1/2024 दिन सोमवार को रांची प्रेस क्लब में चेका, द रोड ऑफ बोन्स का विमोचन किया गया , चेका द रोड ऑफ बोंस का लक्ष्य उस अंधेरे पर प्रकाश की किरण फेंकना है जो अभी भी नेताजी सुभाष चंद्र बसु की मृत्यु से घिरा हुआ है।
लेखक जॉयदीप मुखर्जी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वकील और अखिल भारतीय कानूनी सहायता फोरम और अखिल भारतीय बार एसोसिएशन के महासचिव हैं।
क्या आप जानते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ क्या हुआ था? जिस व्यक्ति ने भारत की आज़ादी के सपने को साकार किया, उस नेता जी का गायब होना आज तक एक रहस्य बना हुआ है। यही वह जगह है जहां चेका, द रोड ऑफ बोन्स कुछ प्रकाश डालने का प्रयास करता है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वकील जॉयदीप मुखर्जी की पुस्तक भूले हुए नायक के भाग्य का रास्ता बताती है। आज भी लॉन्च की गई भव्य पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में लेखक जॉयदीप मुखर्जी सहित समाज के सभी क्षेत्रों के गणमान्य लोग मौजूद थे।
ब्रिटिश शासन के दौरान एक निजी एजेंसी द्वारा यह घोषित किया गया है कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू विमान दुर्घटना में हुई थी, लेकिन विमान दुर्घटना का कोई ठोस सबूत नहीं है। कोई आश्चर्य नहीं, हर 23 जनवरी को, बोस के जन्मदिन पर, भारत के लोग अभी भी “नेताजी वापस आओ” का नारा लगाते हैं। अपनी पुस्तक, चेका, द रोड ऑफ बोन्स में, एडवोकेट जॉयदीप मुखर्जी ने इस बात का समर्थन करने के लिए तथ्य और सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं कि सुभाष चंद्र बोस को जोसेफ स्टालिन के सोवियत रूस में आश्रय दिया गया था और सवाल करते हैं कि 1953 में स्टालिन के निधन के बाद क्या भाग्य है। उन्होंने आगे कहा सवाल: नेताजी की गुमशुदगी आज भी रहस्य क्यों? वह जहां भी था वहां से उसे भारत वापस लाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया और जांच फाइलों को उजागर करने की भी कोई पहल क्यों नहीं की गयीb, इन्ही सब बातों पर प्रकाश डालते हुए लेखक ने इस पुस्तक को बड़ी बारीकी से अपने 20 वर्षो के रिसर्च के बाद लिखा है I किताब प्रेमियों और इतिहास पर रुचि रखने वालो के लिए यह पुस्तक वरदान साबित होगा I कार्यक्रम में मुख्य रूप से एच एच धर्म प्रचारक संत नीलेश सिंहपाल , हिंदू जन जागृति समिति के शंभू गवारे , सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस मौजूद हुए I