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दारूल उलूम रहमानिया जरीयो में 26 फरवरी को अजीमुशशान जलसा दस्तारबंदी का आयोजन

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जलसा में 32 हुफ़्फ़ाज ए कराम के सरो पर मुल्क के माया नाज उलमा-ए-कराम के हाथों होगा दस्तारबंदी

संवाददाता:मोहसीन आलम

रामगढ़- दारूल उलूम रहमानिया जरीयो रामगढ़ में 26 फरवरी 2024 को बाद नमाज-ए-मगरिब अजीमुश्शान जलसा दस्तारबंदी का आयोजन किया गया है।जलसा के सिलसिले में दारूल उलूम रहमानिया जरीयो के उस्ताद कारी अब्दुल वाहिद ने बताया कि जलसा की तैयारी बड़ी तेजी से चल रहा है। जलसे की कामयाबी को लेकर बैठक भी आयोजित की। जिसमे जलसे की कामयाबी के लिए लोगों को जिम्मेवारी दी गई है। वही उन्होंने बताया कि जलसा में मुल्क हिंदुस्तान व रियासत झारखंड के माया नाज उलमा-ए-कराम व शोरा-ए-अजाम तशरीफ ला रहे हैं, खास तौर पर पीर-ए-तरीकत महीउस्सुन्नत हजरत मौलाना मुहम्मद शिबली साहब कासमी लखनऊ,हजरत मौलाना मुहम्मद अकरम कासमी कोडरमा,और शायर ए इस्लाम साबान खैर आबादी शामिल हो रहे है। जिनके मुबारक हाथों से मदरसा से पढ़ाई कर 32 हाफिज बनने वाले हुफ़्फ़ाज ए कलाम के सरो पर दस्तार बांधा जायेगा।वहीं कारी अब्दुल वाहिद ने बताया कि दारूल उलूम रहमानिया जरीयो जिस दिन से कायम किया गया है उस दिन से तालिब ए इल्मो को कुरान पाक ,हदीस पाक के तालीम के साथ साथ बच्चों को अखलाकी तालीम भी दी जाती है।इस मदरसा में बच्चों को देश की खातिर मर मिटने व समाज मे अच्छाईयों को परवान चढ़ाने व बुराइओं की ख़ात्मा का दर्श सिखाया जाता है।इस मदरसा से तालीम हलाल कर के हजारों तालिब ए इल्म मुल्क भर में इल्म की रौशनी फैला रहे है।जलसा इन्तजाम्या कमेटी ने क्षेत्र के लोगों से गुजारिश है कि अपने किमती औकात मे से थोड़ा वक्त निकाल कर जलसे में शिरकत फरमा कर ओलमाये रब्बानीइन के बयानात व शोरा-ए-अजाम के कलाम से महजुज हों।

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